उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में नवजात शिशु के इलाज के बदले नेग मांगने में जुटी नर्स पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्रवाई की गई है. नवजात की मौत के बाद नर्स को सस्पेंड कर दिया गया है. आरोप है कि नर्स की लापरवाही के कारण ही नवजात की मौत हुई थी.
नवजात की मौत मामले में पीड़ित के शिकायत के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने इस पूरे मामले की जांच की और जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर नर्स के खिलाफ एक्शन लिया गया.
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के थाना कुर्रा क्षेत्र के ग्राम ओन्हा पतारा निवासी सुजीत ने 18 सितंबर को करहल के सीएचसी पर अपनी पत्नी संजली को प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती कराया था. यहां पर तैनात ज्योति और अन्य कर्मचारियों ने उसकी पत्नी के साथ अभद्रता की. उचित देखभाल नहीं की और 19 सितंबर की सुबह 4:00 बजे पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया.
सुजीत ने बताया कि प्रसव के बाद उसे 51 सो रुपए मांगे गए. पैसे नहीं दिए तो नर्स ज्योति ने बच्चों को एक कपड़े में लपेटकर मेज पर रख दिया और कहा कि जब तक पैसे नहीं मिलेगा तबतक बच्चा नहीं मिलेगा.
मजबूरी में परिजन ने ज्योति को रुपए दिए. इस बीच करीब 40 मिनट तक बच्चा मेज पर रखा रहा. इसके चलते बच्चे की हालत बिगड़ गई, जब बच्चे को परिजनों ने देखा तो उसकी जानकारी स्टाफ को दी. यह देखकर बच्चे को सैफई मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया तो वहीं सैफई में बच्चे ने पहुंचते ही दम तोड़ दिया.
प्रमोद पांडे की रिपोर्ट
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं