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This Article is From Jan 11, 2024

असम में इस साल लागू की जाएगी समान नागरिक संहिता, आदिवासियों को देंगे छूट : हिमंता बिस्वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि बिल इस साल राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा, राज्य में आदिवासियों को यूसीसी से छूट दी जाएगी.

असम में इस साल लागू की जाएगी समान नागरिक संहिता, आदिवासियों को देंगे छूट : हिमंता बिस्वा सरमा
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि असम के UCC बिल में कुछ बदलाव होंगे..
गुवाहाटी:

उत्तराखंड और गुजरात के बाद असम समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने वाला देश का तीसरा राज्य बन जाएगा. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इसकी घोषणा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि राज्य के लिए मसौदा विधेयक "असम मॉडल" के अनुरूप तैयार किया जाएगा. सरमा ने कहा कि असम में आदिवासियों को यूसीसी से छूट दी जाएगी. उत्तराखंड और गुजरात में यह यूसीसी पर बिल लाए जा चुके हैं. इसके बाद इस साल यह बिल असम विधानसभा में पेश किया जाएगा.

सरमा ने कहा, "उत्तराखंड और गुजरात के बाद असम यूसीसी का अपना वर्जन लाएगा. मैं दोनों राज्यों के ऐसा करने का इंतजार कर रहा हूं. हम पहले से ही बाल विवाह और बहुविवाह से लड़ रहे हैं. इसलिए असम के बिल में कुछ बदलाव होंगे. यह असम केंद्रित इनोवेशन होगा. हम आदिवासियों को यूसीसी के दायरे से छूट देंगे.''

समान नागरिक संहिता में व्यक्तिगत कानूनों के एक मानकीकृत सेट को लागू करने का प्रयास किया गया है जो समानता और न्याय को बढ़ावा देते हुए सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकल कानूनी ढांचे के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि देश दोहरे कानूनों के साथ काम नहीं कर सकता है. उनका मानना है कि यूसीसी संविधान के मौलिक सिद्धांतों और आदर्शों के अनुरूप है.

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