केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी मध्य प्रदेश के दो मंत्रियों ने राज्य में नौकरशाही के कामकाज के बारे में सार्वजनिक रूप से अपनी शिकायत दर्ज करायी है, जिससे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए परेशानी खड़ी हो गई है. मंत्रियों का गुस्सा ऐसे समय में सामने आया है, जब सिंधिया और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बीच बढ़ती दोस्ती के बारे में राज्य के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है. सिंधिया एक प्रभावशाली नेता हैं और अक्सर उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है.
मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने राज्य की सहकारी संस्था के आयुक्त के साथ-साथ स्थानीय जिलाधिकारी को लिखे पत्र में अशोक नगर जिले में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं के लिए एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
अशोक नगर के मुंगावली से विधायक यादव कथित तौर पर अशोक नगर के जिलाधिकारी से भी नाखुश हैं और उन्होंने अपने पत्र में इन कथित अनियमित नियुक्तियों की जांच उप जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी द्वारा कराने की मांग की है. इस संबंध में प्रतिक्रिया के बाद बार-बार प्रयास करने के बावजूद यादव से संपर्क नहीं हो सका.
मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा राज्य के शीर्ष नौकरशाह के बारे में सार्वजनिक रूप से अपना गुस्सा दिखाए जाने के महज एक दिन बाद यह पत्र सामने आया है. गुना में एक ‘‘मीडिया आउटलेट' से बातचीत में सिसोदिया ने कहा कि प्रशासन निरंकुश चल रहा है और इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को दोषी ठहराया.
सिसोदिया ने शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक द्वारा उनकी मंजूरी के बिना कुछ निरीक्षकों के तबादले पर भी नाराजगी जताई है. सिसोदिया शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री हैं.
हालांकि, शुक्रवार को सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान से मिलने के बाद उन्हें अब कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘अब सब कुछ सामान्य है और इस मुद्दे पर बात करने का कोई मतलब नहीं है.''
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