Joshimath News: उत्तराखंड के 'धंसते शहर' जोशीमठ में प्रशासन की ओर से दो होटलों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है. पुलिस और NDRF का टीमें मौक़े पर मौजूद हैं. कटर से होटल को तोड़ा जाएगा. होटल मालिक ध्वस्तीकरण के लिए तैयार हो गए हैं. होटल मालिकों ने सरकार की ओर से दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि पर सहमति व्यक्त की है. होटलों को ध्वस्त करने की इस प्रक्रिया में करीब 7 दिन लगेंगे. गौरतलब है कि लगातार जमीन घंसने की घटनाओं के मद्देनजर जोशीमठ को 'sinking zone (धंसता क्षेत्र)' घोषित किया गया है, यहां के कई घरों और सड़कों में पिछले कुछ दिनों में दरारें आई हैं जिसके चलते क्षेत्र के निवासियों में डर व्याप्त है. 6150 फीट (1875 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ, कई हिमालयी पर्वतारोहण अभियानों, ट्रेकिंग अभियानों और केदारनाथ व बद्रीनाथ जैसे लोकप्रिय तीर्थस्थलों का प्रवेशद्वार है. क्षेत्र के सैकड़ों घर और अन्य प्रतिष्ठानों में जमीन धंसने के कारण दरारें आ गई हैं.
हालात की गंभीरता को देखते हुए इस धार्मिक शहर की सभी खतरनाक इमारतों पर लाल रंग से 'X'का चिन्ह अंकित किया जा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से इन इमारतों को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद इसके निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है.जोशीमठ में मौजूद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि चिह्नित असुरक्षित भवनों में से केवल दो होटल को ही अभी तोड़ा जाएगा और यह भी सबकी सहमति से होगा.
उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को सम्मिलित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन तथा चारधाम यात्रा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाए कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी विकास कार्य हो रहा है, वहां 'पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन' होना चाहिए.
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