- सतारा में सरकारी महिला डॉक्टर ने रेप और मानसिक उत्पीड़न के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या की थी.
- डॉक्टर ने सुसाइड नोट में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे.
- डॉक्टर के परिजनों ने आरोपितों को फांसी की सजा देने की मांग की है और कई बार शिकायत दर्ज कराई थी.
महाराष्ट्र के सतारा में डॉक्टर की आत्महत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले में एक नया ट्विस्ट आया है. आरोपी प्रशांत बनकर की बहन ने कहा है कि मृत डॉक्टर प्रशांत से शादी करना चाहती थी. आरोपी की बहन की मानें तो महिला डॉक्टर ने कुछ दिन पहले उसके भाई को प्रोपोज किया था. गिरफ्तार आरोपी की बहन ने NDTV से खास बातचीत में ये बातें कही हैं.
डॉक्टर ने किया था प्रोपोज
बहन स्वाति जाधव के मुताबिक उसका भाई प्रशांत शादी के लिए तैयार नहीं था और दोनों में अनबन चल रही थी. बहन स्वाति ने बताया कि गिरफ्तार प्रशांत बनकर बी.टेक है और मुंबई में नौकरी करता है. सतारा में एक महिला सरकारी डॉक्टर की रेप और उत्पीड़न के बाद आत्महत्या के मामले में मृतका के परिजनों ने शनिवार को आरोपित दो लोगों, जिनमें एक पुलिसकर्मी भी शामिल है, को फांसी की सजा देने की मांग की है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने सुसाइड नोट में इन दोनों का नाम लिखा था.
परिजनों को पुलिस से शिकायत
28 साल की महिला डॉक्टर महाराष्ट्र के सतारा जिले के फलटण कस्बे के एक उप-जिला अस्पताल में तैनात थीं. गुरुवार को उन्होंने एक होटल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने अपनी हथेली पर एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) पर रेप और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने कई बार उत्पीड़न की शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. मृतका मूल रूप से मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड जिले के वडवणी तालुका की रहने वाली थीं और वर्तमान में फलटण में पोस्टेड थीं.
शिकायतों को किया नजरअंदाज
एक और रिश्तेदार, जो खुद भी डॉक्टर हैं, ने बताया, 'पुलिस ने हमें घटना (आत्महत्या) की जानकारी दी, जिसके बाद हम अस्पताल पहुंचे जहां शव लाया गया था. डॉक्टर होने के नाते मैंने कहा कि मैं पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद रहूंगा. उसी समय मैंने उसकी हथेली पर लिखा सुसाइड नोट देखा और यह बात पुलिस को बताई. मैंने सुझाव दिया कि पोस्टमॉर्टम फोरेंसिक विशेषज्ञों से कराया जाए.'
एक तीसरे रिश्तेदार ने दावा किया कि मृतका पर उस अस्पताल में मेडिकल रिपोर्ट बदलने का दबाव डाला जाता था जहां वह काम करती थीं. उन्होंने बताया, 'फलटण के कुछ राजनीतिक लोग अक्सर उस पर मेडिकल रिपोर्ट बदलने का दबाव डालते थे क्योंकि वह अक्सर पोस्टमॉर्टम की ड्यूटी पर रहती थीं. उसने सुसाइड नोट में जिसका नाम लिखा है, उस पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) के खिलाफ भी कई बार शिकायत की थी, लेकिन उसकी शिकायतों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया.'
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