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This Article is From Jan 17, 2022

'एक पोस्ट से ट्रिपल अटैक', बिहार BJP अध्यक्ष की नीतीश के 2 बड़े नेताओं को दो टूक: 'टि्वटर-टि्वटर न खेलें'

माना जा रहा है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इस पोस्ट के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ उनके दो बड़े नेताओं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधा है.

'एक पोस्ट से ट्रिपल अटैक', बिहार BJP अध्यक्ष की नीतीश के 2 बड़े नेताओं को दो टूक: 'टि्वटर-टि्वटर न खेलें'
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल (दाएं से दूसरा) (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

बिहार (Bihar) बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखकर गठबंधन सहयोगी जेडीयू (JDU) के दो बड़े नेताओं को गठबंधन धर्म निभाने, उसे मजबूत रखने और सभी मर्यादाओं का ख्याल रखने की नसीहत दी है. जायसवाल ने अपने पोस्ट में लिखा है कि यह एकतरफा अब नहीं चलेगा.

जायसवाल ने लिखा है, "चलिए माननीय जी को यह समझ आ गया कि एनडीए गठबंधन का निर्णय केंद्र द्वारा है और बिल्कुल मजबूत है इसलिए हम सभी को साथ चलना है. फिर बार-बार महोदय मुझे और केंद्रीय नेतृत्व को टैग कर न जाने क्यों प्रश्न करते हैं. एनडीए गठबंधन को मजबूत रखने के लिए हम सभी को मर्यादाओं का ख्याल रखना चाहिए. यह एकतरफा अब नहीं चलेगा."

माना जा रहा है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इस पोस्ट के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ उनके दो बड़े नेताओं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधा है. ललन सिंह और कुशवाहा ने कुछ दिनों पहले साहित्यकार दयाप्रकाश सिन्हा से पद्म श्री और साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस लेने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति से की थी.

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जेडीयू नेताओं का आरोप था कि लेखक दयाप्रकाश सिन्हा ने प्रियदर्शी सम्राट अशोक महान के बारे में झूठ लिखा है और उनकी औरंगजेब से तुलना कर महान विभूति का अपमान किया है. दोनों नेताओं ने इस बारे में प्रधानमंत्री को ट्विटर पर टैग भी किया था. इसका उल्लेख करते हुए जायसवाल ने लिखा है, "इस मर्यादा की पहली शर्त है कि देश के प्रधानमंत्री से ट्विटर ट्विटर ना खेलें. प्रधानमंत्री जी प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के गौरव भी हैं और अभिमान भी. उनसे अगर कोई बात कहनी हो तो जैसा माननीय ने लिखा है कि बिल्कुल सीधी बातचीत होनी चाहिए. टि्वटर टि्वटर खेलकर अगर उनपर सवाल करेंगे तो बिहार के 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता इसका जवाब देना अच्छे से जानते हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में हम सब इसका ध्यान रखेंगे."

जायसवाल ने यह भी लिखा है कि अगर आज तक किसी का पद्मश्री सम्मान वापस लिया गया हो तो बताएं. उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार उनकी FIR पर पहले दयाप्रकाश सिन्हा को गिरफ्तार कर फास्टट्रैक अदालत से सजा दिलवाए. फिर बिहार सरकार का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति के पास जाकर हम सबों की बात रखे कि एक सजायाफ्ता मुजरिम का पद्म श्री सम्मान वापस लिया जाय.

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इसी पोस्ट में जायसवाल ने विपक्षी राजद पर भी निशाना साधा है और उसे भेड़िया करार दिया है. जायसवाल ने लिखा है, "अभी भेड़िया स्वर्ण मृग की भांति नकली हिरण की खाल पहनकर अठखेलियां कर जनता को आकृष्ट कर रहा है. एक पूरी पीढ़ी जो 2005 के बाद मतदाता बनी है, वह उन स्थितियों को नहीं जानती और बिना समझे कि यह रावण का षड्यंत्र है, स्वर्ण मृग पर आकर्षित हो रही है."

यहां पढ़ें संजय जायसवाल का पूरा पोस्ट...

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