'जहरीली शराब से जिनकी मौत हुई, क्या उनके परिजनों को जेल भेजेंगे' : बिहार BJP अध्यक्ष का नीतीश सरकार से सवाल

बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून पर सवाल उठाए.

'जहरीली शराब से जिनकी मौत हुई, क्या उनके परिजनों को जेल भेजेंगे' : बिहार BJP अध्यक्ष का नीतीश सरकार से सवाल

बिहार BJP अध्यक्ष ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल.

पटना:

बिहार में शराबबंदी को लेकर सियासत तेज है. इस मसले पर राजद के नेता कई बार सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साध चुके हैं. लेकिन अब तो जदयू की सहयोगी पार्टी भाजपा के नेता ही इस पर सवाल उठाने लगे हैं और शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग करते दिख रहे हैं. बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट करते हुए नीतीश सरकार की इस नीति पर सवाल उठाए. 

उन्होंने लिखा है, 'नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं. परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था. आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा, क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता है तो आपके लिए अपराध है. अगर शराबबंदी लागू करनी है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए. क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है न कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना.' 

साथ ही जायसवाल ने कहा है कि यह साफ बताता है कि प्रशासन खुद शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छिपाने का काम कर रहा है. दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी. 10 वर्ष का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना जहां वह यह सब काम चालू रख सकें.

बिहार भाजपा अध्यक्ष ने साथ ही कहा, 'तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है. इसको पकड़ना भी बहुत आसान है. इन्हीं पुलिसकर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा. जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन ,पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा.'

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वहीं, शनिवार को बिहार भाजपा के दो प्रवक्ता राजीव रंजन और प्रेम रंजन पटेल ने जहरीली शराब पीने से लोगों की हो रही मौत पर चिंता प्रकट करते हुए शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग की है. इन दोनों प्रवक्ताओं का कहना हैं कि ऐसी घटना प्रशासनिक सुस्ती के कारण हो रही है. उन्होंने कहा कि चूंकि इस कानून में कई सारी त्रुटियां हैं, इसलिए समीक्षा होनी चाहिए . वहीं जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इन मांगों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि जब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कानून की तारीफ़ की है, ऐसे में भाजपा की ये मांग बेमानी है.