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तिरंगे में लिपटे आए पांच बेटे, आज उत्तराखंड बहुत उदास है

अधिकारियों ने घटना को याद करते हुए बताया कि सैनिकों ने हताहत होने के बावजूद साहस और दृढ़ता का परिचय दिया तथा कई घंटों तक आतंकवादियों का मुकाबला किया.

तिरंगे में लिपटे आए पांच बेटे, आज उत्तराखंड बहुत उदास है
नई दिल्ली:

जम्मू के कठुआ में सोमवार को हुए आतंकी हमले में शहीद सेना के पांच जवानों का शव जैसे ही उत्तराखंड पहुंचा, पूरा प्रदेश मानो शोक में डूब गया. तिरंगे में लिपटे आए पांच बेटों को आज देहरादून में नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे. आतंकी हमले में शहीद पांचों जवान उत्तराखंड के ही थे.

इन जवानों की शहादत के बाद पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई. साथ ही शहीदों के घरों में मातम छा गया. उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

शहीद पांच जवानों में दो पौड़ी, दो टिहरी और एक रुद्रप्रयाग के निवासी थे, जिनके पार्थिव शरीर आज देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां श्रद्धांजलि देकर सभी पार्थिव शरीरों को राजकीय सम्मान के साथ उनके घरों तक पहुंचाया गया. पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा- सीएम धामी
सीएम धामी ने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारे वीर जवानों ने उत्तराखंड की समृद्ध सैन्य परंपरा को कायम रखते हुए अपनी मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. मानवता के दुश्मन और इस कायरतापूर्ण हमले के दोषी आतंकवादियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा. साथ ही उन्हें शरण देने वाले लोगों को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा राज्य शहीद के परिवारों के साथ खड़ा है.

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आतंकियों ने घात लगाकर किया हमला
आतंकवादियों ने सोमवार को सेना के वाहन पर अचानक ग्रेनेड से हमला कर दिया था. घात लगाकर किए गए इस हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए और पांच अन्य जवान जख्मी भी हुए हैं. सूबेदार आनंद सिंह, हवलदार कमल सिंह, राइफलमैन अनुज नेगी, राइफलमैन आदर्श नेगी, नायक विनोद सिंह इस आतंकी हमले में शहीद हो गए, सभी जवान उत्तराखंड के ही थे.

गढ़वाल राइफल्स के 5 जवान शहीद :

  1. नायब सूबेदार, आनंद सिंह ( रुद्रप्रयाग, कंडाखाल)
  2. हवलदार कमल सिंह (पौड़ी गढ़वाल, पिपरी)
  3. नायक विनोद सिंह (टिहरी गढ़वाल, जाखणीधार)
  4. राइफलमैन अनुज सिंह नेगी (पौड़ी गढ़वाल, रिखणीखाल)
  5. राइफलमैन आदर्श सिंह नेगी (टिहरी गढ़वाल, पट्टी डागर)

शहीद होने वालों में टिहरी जिले के 26 वर्षीय राइफलमैन आदेश नेगी ने इतनी कम उम्र में देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.

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दो महीने में सेना के वाहन पर ये दूसरा आतंकवादी हमला
इस हमले में घायल सैनिकों को सेना अस्पताल में भर्ती किया गया. आतंकियों ने सेना के वाहन पर ग्रेनेड से हमला करने के साथ ही गोलीबारी भी की थी. सेना के वाहन पर हुए इस हमले के बाद सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ भी हुई. बीते दो महीने में सेना के वाहन पर ये दूसरा आतंकवादी हमला था.

आतंकवादियों के इस कायराना हमले को लेकर भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि राष्ट्र के प्रति इन शहीदों की निस्वार्थ सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा और उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा. भारत इस हमले के पीछे छिपी बुरी ताकतों को जरूर हराएगा.

पूरा राष्ट्र शहीदों के परिवार के साथ- राजनाथ सिंह
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों की मृत्यु पर दुख व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने वीर जवानों के परिवारों को भरोसा दिलाया कि पूरा राष्ट्र उनके साथ है. रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी मिशन पर कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियान चल रहे हैं. हमारे सैनिक क्षेत्र में शांति-व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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कठुआ से 150 किलोमीटर दूर बदनोटा गांव में हमला
भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सोमवार को जिला मुख्यालय कठुआ से लगभग 150 किलोमीटर दूर बदनोटा गांव के पास माछेड़ी-किंडली-मल्हार पहाड़ी मार्ग पर अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे दो सैन्य वाहनों पर ग्रेनेड फेंका और अंधाधुंध गोलीबारी की. हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हो गए.

ये एक महीने में जम्मू संभाग में पांचवां आतंकवादी हमला था. कश्मीर घाटी की तुलना में अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के लिए अधिकारियों ने आतंकियों के पाकिस्तानी आकाओं को जिम्मेदार ठहराया है जो क्षेत्र में आंतकवाद को फिर से भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.

अधिकारियों ने घटना को याद करते हुए बताया कि सैनिकों ने हताहत होने के बावजूद साहस और दृढ़ता का परिचय दिया तथा कई घंटों तक आतंकवादियों का मुकाबला किया.

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सैनिकों ने की जवाबी कार्रवाई
उन्होंने बताया कि माना जा रहा है कि तीन आतंकवादियों के समूह ने इस हमले को अंजाम दिया. आतंकवादियों ने सैनिकों पर अचानक हमले के लिए संभवतः पहाड़ी पर फैले घने जंगल की आड़ ली थी, जिसके बाद सैनिकों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई किया और तब तक लड़ते रहे जब तक आतंकवादी घने जंगल में भाग नहीं गए.

अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण सोमवार देर रात को आतंकवादियों की तलाश करने के लिए अभियान को स्थगित कर दिया था, लेकिन मंगलवार को इसे फिर से शुरू किया गया. उन्होंने बताया कि सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त तलाशी दलों ने कठुआ, उधमपुर और डोडा सहित विभिन्न दिशाओं से अभियान शुरू किया है.
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अधिकारियों ने बताया कि सेना के विशिष्ट पैरा-कमांडो और खोजी कुत्ते तलाशी अभियान में शामिल हैं जबकि ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से आसमान से नजर रखी जा रही है.

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