इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने वाराणसी के न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर समेत 619 न्यायिक अधिकारियों का सोमवार को स्थानांतरण (Transfer) कर दिया. गौरतलब है कि दिवाकर ने वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर सर्वेक्षण का निर्देश दिया था. ये न्यायिक अधिकारी राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात हैं. उच्च न्यायालय के महानिबंधक द्वारा सोमवार, 20 जून को जारी एक अधिसूचना में अदालत के आदेश का पालन करते हुए स्थानांतरित किए गए सभी न्यायिक अधिकारियों को चार जुलाई, 2022 को अपना कार्यभार सौंपने को कहा गया है.
कुल 619 न्यायिक अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है जिसमें 213 सिविल जज (जूनियर डिवीजन) कैडर, 285 अपर जिला और सत्र न्यायाधीश कैडर और 121 सिविल जज (सीनियर डिवीजन) शामिल हैं. स्थानांतरित किए गए न्यायिक अधिकारियों में वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर भी शामिल हैं जिन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए एक आयोग की नियुक्ति की थी और मस्जिद की वह जगह सील करने का आदेश दिया था जहां कथित तौर पर शिवलिंग पाया गया था. दिवाकर का स्थानांतरण वाराणसी से बरेली जिला अदालत को कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि दिवाकर ने अप्रैल, 2022 में पांच महिलाओं द्वारा दायर याचिकाओं पर ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था. इन महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पीछे एक हिंदू मंदिर में पूजा करने की अनुमति मांगी थी.
सोलह मई को दिवाकर की अदालत को बताया गया कि अधिवक्ता आयुक्त को सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर शिवलिंग मिला है. इस पर न्यायाधीश ने संबंधित क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया था. इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण जारी रखे जाने का आदेश देते हुए उन्होंने अपने आदेश में अपनी सुरक्षा के संबंध में चिंता व्यक्त की थी. रजिस्टर्ड डाक से धमकी भरा एक पत्र मिलने के बाद उन्होंने इस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र भी लिखा था.
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