- रेलवे ने रिजर्वेशन चार्ट बनाने में बदलाव कर ट्रेन के डिपार्चर से 10 घंटे पहले चार्ट तैयार करने का निर्देश दिया
- सुबह पांच बजे से दोपहर दो बजे तक चलने वाली ट्रेनों का चार्ट एक दिन पहले रात आठ बजे तक बन जाएगा.
- दोपहर दो बजे से रात ग्यारह बजकर उन मिनटों तक चलने वाली ट्रेनों का चार्ट दस घंटे पहले तैयार किया जाएगा.
रेल मंत्रालय रिजर्वेशन चार्ट बनाने की प्रक्रिया में बदलाव किया है. इसके तहत यात्रियों को 10 घंटे पूर्व अपने टिकट की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी. रेलवे बोर्ड की तरफ से इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है. रेलवे बोर्ड द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब ट्रेन के डिपार्चर टाइम से 10 घंटे पूर्व पहला रिजर्वेशन चार्ट बनेगा. अभी तक 8 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट बनता था. लेकिन नई व्यवस्था के तहत इसे बदला जाएगा.
रिजर्वेशन चार्ट में क्या बदलाव आएगा?
बोर्ड ने अपने आदेश में कहा है कि सुबह 5:01 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक चलने वाली ट्रेनों का चार्ट एक दिन पहले रात 8:00 बजे तक बन जाएगा. यानी कई ट्रेनों का चार्ट 16 से 17 घंटे पहले बनकर तैयार हो जाएगा. वहीं दोपहर 2:01 बजे से रात 11:59 बजे तक और रात 12:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक चलने वाली ट्रेनों का चार्ट ट्रेन के चलने से कम से कम 10 घंटे पहले तैयार किया जाएगा. इसको लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को इन निर्देशों का पालन करने को कहा गया है.
रेलवे बोर्ड से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार का मकसद दूर-दराज से आने वाले यात्रियों की चिंता कम करके आरामदायक यात्रा कराना है. इसीलिए नई व्यवस्था को लागू किया जा रहा है. अगर इसका सही लाभ मिला तो आने वाले वक्त में रिजर्वेशन चार्ट बनाने का समय और बढ़ाया जा सकता है.
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रालय ने इस ओर कदम बढ़ा दिए हैं. फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 12 घंटे पूर्व पहला रिजर्वेशन चाट बनाने की प्रक्रिया को शुरू किया गया है. यह नई व्यवस्था 12 दिसंबर से शुरू की गई है.
रेलवे ने शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, 12 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट बनाने की प्रक्रिया दो ट्रेनों में शुरू की गई है. इसमें पश्चिम मध्य रेलवे की एक ट्रेन शान-ए-भोपाल सुपरफास्ट एक्सप्रेस शामिल है, जिसका रिजर्वेशन चार्ट 12 घंटे पहले तैयार किया जा रहा है.
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने बताया कि नई व्यवस्था को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फिलहाल शुरू किया गया है. आने वाले समय में यात्रियों से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर प्रोजेक्ट का आकलन किया जाएगा. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो यह प्रक्रिया अन्य ट्रेनों में भी अपनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ उम्मीद के मुताबिक रहा तो इसे भविष्य में जबलपुर और कोटा डिवीजन में भी लागू किया जा सकता है.
यात्रियों को कैसे मिलेगा लाभ?
नई व्यवस्था के लागू होने के बाद अब यात्रियों को कन्फर्म टिकट नहीं मिलने पर वैकल्पिक यात्रा की योजना बनाने का अतिरिक्त समय मिलेगा. इसके अलावा आखिरी वक्त की अनिश्चितता समाप्त होगी और ट्रेन छूटने की कम गुंजाइश होगी. यह प्रयोग न सिर्फ मानसिक बल्कि आर्थिक तौर पर भी यात्रियों के लिए मददगार साबित होगा.
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