शिमला:
हिमाचल प्रदेश में रोडवेज बसों की हड़ताल के कारण मंगलवार को यात्रियों, खासकर पर्यटकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल परिवहन निगम (एचआरटीसी) के कर्मचारी सोमवार रात से दो दिनी हड़ताल पर हैं, जिसमें 2,500 से ज्यादा बसें हैं। वे अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों को नियमित करने तथा पेंशन लाभों सहित कई अन्य मांगें कर रहे हैं।
एचआटीसी के कर्मचारियों ने बताया कि राज्य में हिमाचल रोडवेज की बसें नहीं चल रही हैं। हालांकि पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड की रोडवेज बसें चल रही हैं, लेकिन उनमें बहुत भीड़ है।
एचआरटीसी के अधिकारियों के मुताबिक, हड़ताली कर्मचारी बुधवार रात से काम शुरू करेंगे। राज्य उच्च न्यायालय ने सोमवार को रोडवेजकर्मियों को हड़ताल वापस लेने के लिए कहा था। साथ ही राज्य सरकार से भी कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने को कहा था। न्यायालय ने राज्य के परिवहन प्रधान सचिव और एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक से संयुक्त बैठक कर कर्मचारियों की वैध समस्याओं का 20 जून तक निपटारा करने को कहा था। न्यायालय ने उसी दिन मामले की अगली सुनवाई सुनिश्चित की है। राज्य के परिवहन मंत्री ने जी.एस. बाली ने एक बयान में कहा कि कर्मचारियों की लगभग 90 प्रतिशत मांगें स्वीकार की जा चुकी हैं।
एचआटीसी के कर्मचारियों ने बताया कि राज्य में हिमाचल रोडवेज की बसें नहीं चल रही हैं। हालांकि पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड की रोडवेज बसें चल रही हैं, लेकिन उनमें बहुत भीड़ है।
एचआरटीसी के अधिकारियों के मुताबिक, हड़ताली कर्मचारी बुधवार रात से काम शुरू करेंगे। राज्य उच्च न्यायालय ने सोमवार को रोडवेजकर्मियों को हड़ताल वापस लेने के लिए कहा था। साथ ही राज्य सरकार से भी कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने को कहा था। न्यायालय ने राज्य के परिवहन प्रधान सचिव और एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक से संयुक्त बैठक कर कर्मचारियों की वैध समस्याओं का 20 जून तक निपटारा करने को कहा था। न्यायालय ने उसी दिन मामले की अगली सुनवाई सुनिश्चित की है। राज्य के परिवहन मंत्री ने जी.एस. बाली ने एक बयान में कहा कि कर्मचारियों की लगभग 90 प्रतिशत मांगें स्वीकार की जा चुकी हैं।
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