गया के पूर्व एसएसपी और वर्तमान में पुलिस मुख्यालय में एआईजी (आई) के पद पर तैनात आदित्य कुमार बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं. फतेहपुर थाने में शराबबंदी कानून का उल्लंघन कराने के मामले में क्लीन चिट पाने के लिए पूर्व एसएसपी ने कथित तौर पर ऐसी साजिश रची कि पुलिस विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है. आरोप है कि एसएसपी के एक कथित दोस्त ने खुद को हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बताकर डीजीपी को फोन किया और शराबबंदी मामले में आदित्य कुमार को क्लीन चिट देने का दबाव डाला. इसके साथ ही उन्हें दोबारा जिले में पद देने का दबाव भी बनाया गया था.
डीजीपी को शक हुआ तो उन्होंने मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंप दी. ईओयू ने 24 घंटे में ही मामले का खुलासा कर दिया. इस मामले में पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार और उनके फोन करने वाले कथित दोस्त अभिषेक कुमार व तीन अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है.
एक्जीबीशन रोड पर टाइल्स का कारोबार करने वाला अभिषेक कुमार पहले भी इसी तरह के आरोप में जेल जा चुका है. आईएएस अफसर बनकर फोन पर रौब दिखाने के मामले में दिल्ली पुलिस उसे जेल भेज चुकी है. अभिषेक कभी मंत्री बनकर तो कभी कुछ और बनकर कई लोगों को ठग चुका है.
अभिषेक कुमार ने ईओयू को बताया कि पूर्व एसएसपी और वह काफी अच्छे दोस्त हैं. उनके खिलाफ दर्ज मामले को खत्म कराने के लिए दोनों ने प्लानिंग की कि पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी को फोन किया जाए. इसी योजना के तहत उसने डीजीपी एसके सिंघल को फोन किया था और वह दबाव में आ भी गए थे, लेकिन बाद में उन्हें शक हो गया और वह गिरफ्तार कर लिया गया.
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