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पटना बम ब्लास्ट: PM मोदी की रैली में धमाके करने वाले 4 आरोपियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली

पटना के गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में पटना हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने चार आरोपियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. हालांकि जिन दो आरोपियों को उम्र कैद की सजा दी गई थी, उनकी सजा वैसी ही रहेगी.

पटना बम ब्लास्ट: PM मोदी की रैली में धमाके करने वाले 4 आरोपियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली
गांधी मैदान बम ब्लास्ट केस: पटना हाई कोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला.
पटना, बिहार:

पटना के गांधी मैदान में पीएम मोदी की रैली में बम ब्लास्ट (Patna Bomb Blast) करने वाले चार आरोपियों को अब फांसी नहीं होगी. उनकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है. इसमले में पटना हाई कोर्ट (Patna High Court)  ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने चार आरोपियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. हालांकि जिन दो आरोपियों को उम्र कैद की सजा दी गई थी, उनकी सजा वैसी ही रहेगी. गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले ने सिविल कोर्ट से जिन चार आरोपियों को फांसी की सजा दी गई थी, हाई कोर्ट ने उन चारों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है.

हैदर अली, मोजीबुल्लाह, नोमान और इम्तियाज को फांसी का सजा हुई थी. अब पटना हाई कोर्ट ने इन चारों की फांसी के सजा को उम्र कैद में बदल दिया है. जबकि उमर और अजहरुद्दीन की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा गया है. हाई कोर्ट के फासले की जानकारी देते हुए पीड़ित पक्ष के वकील इमरान गनी ने बताया कि  फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील किया गया है, जबकि उम्र कैद की सजा पाने वाले दो आरोपियों की सजा को बरकरार रखा है.  

गांधी मैदान में कब हुए थे बम धमाके?

27 अक्तूबर 2013 को पीएम मोदी पटना के गांधी मैदान में  हुंकार रैली को संबोधित करने पहुंचे थे. उस दौरान पहला धमाका पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर मौजूद सुलभ शौचालय के पास हुआ था. इसके बाद गांधी मैदान और उसके आस-पास 6 जगहों पर बम धमाके हुए. इस धमाकों में 6 लोगों की मौत हो गई और 89 लोग घायल हुए थे. इस मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से NIA जांच की मांग की थी.

दोषियों ने फांसी की सजा को दी थी HC में चुनौती

साल 2014 में NIA ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. 187 लोगों ने कोर्ट में गवाही दी थी. पटना की निचली अदालत ने इम्तियाज आलम,नुमान अंसारी,हैदर अली और मोजिबुल्ला अंसारी को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.इसके बाद सभी दोषियों ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और फांसी की सजा को चुनौती दी थी. पटना हाई कोर्ट ने अब उनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है.  

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