पश्चिम बंगाल (West Bengal Assembly Election Results 2021) में TMC प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) बड़े फासले से चुनाव जीत गई हैं लेकिन खुद नंदीग्राम में बहुत ही कम वोटों से चुनाव हार गई हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ममता बनर्जी की बंगाल की बड़ी और असाधारण जीत की चमक को धूमिल करने के लिए बार-बार नंदीग्राम में उनकी हार की चर्चा कर रही है. दरअसल भाजपा नंदीग्राम में ममता की हार का शोर मचाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का बचाव कर रही है, क्योंकि बंगाल का चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम ममता बनर्जी बन गया था.
कहा जा सकता है कि बंगाल की हार ने पीएम मोदी की भविष्य की राजनीति के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. देश का ध्यान इस ओर नहीं जाए इसलिए ममता बनर्जी की नंदीग्राम की हार का उसे बहाना मिल गया है.
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ममता बनर्जी देश के सियासी अध्यायों में गिनी जाने वालीं असाधारण महिला हैं. झोंक में कभी-कभी दुस्साहस कर जाती हैं. कलकत्ता के भवानीपुर से, वे लगातार चुनाव जीतती रही हैं. इस बार उस सीट को उन्होंने छोड़ दिया और नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया.
वह आराम से भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों सीटों पर चुनाव लड़ सकती थीं. याद कीजिए 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी अकेले वाराणसी से चुनाव लड़ने का साहस नहीं दिखा पाए थे. अपनी पक्की जीत वाली सीट वडोदरा को उन्होंने नहीं छोड़ा था.
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ममता बनर्जी पीएम मोदी के मुकाबले कहीं ज्यादा साहसी हैं. बंगाल ने मोदी ब्रांड राजनीति को खारिज कर दिया है. पीएम मोदी को बंगाल ने संदेश दिया है कि किसी भी व्यक्ति से यह देश बहुत बड़ा है.
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