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PM और CM को हटाने संबंधी विधेयकों पर JPC में टीएमसी और सपा नहीं होंगी शामिल

मानसून सत्र के समापन से ठीक पहले लाए गए इन विधेयकों का विपक्ष से पुरजोर विरोध किया है. समिति को शीतकालीन सत्र में सदन को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.

PM और CM को हटाने संबंधी विधेयकों पर JPC में टीएमसी और सपा नहीं होंगी शामिल
  • टीएमसी ने इस समिति में भाग लेने से इनकार करते हुए कोई सदस्य नामित नहीं करने का फैसला किया है.
  • सपा ने भी अपनी तरफ से सदस्य नहीं भेजने की बात कही है.
  • विपक्ष ने मानसून सत्र के दौरान इन विधेयकों का पुरजोर विरोध किया.
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तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को हटाने की रूपरेखा तय करने वाले तीन विधेयकों पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को शनिवार को ‘‘तमाशा'' करार दिया और कहा कि वह इसमें अपना कोई सदस्य नहीं भेजेगी. सपा ने भी जेपीसी में शामिल होने से इंकार कर दिया है. केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए. इन्हें संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया है.

तृणमूल कांग्रेस ने क्या कहा

तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान में कहा, ‘‘ हम 130वें संविधान संशोधन विधेयक का पेश होने के चरण से ही विरोध कर रहे हैं और हमारा मानना ​​है कि जेपीसी एक दिखावा है। इसलिए हम तृणमूल से किसी को नामित नहीं कर रहे हैं.'' प्रस्तावित विधेयक गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ़्तार रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने के लिए एक कानूनी रूपरेखा प्रदान करते हैं.

विपक्ष कर रहा विरोध

मानसून सत्र के समापन से ठीक पहले लाए गए इन विधेयकों का विपक्ष से पुरजोर विरोध किया है. समिति को शीतकालीन सत्र में सदन को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. सत्र संभवतः नवंबर के तीसरे सप्ताह में आयोजित किया जाएगा. इससे पहले राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि केंद्र पूरे मानसून सत्र में 'रक्षात्मक' मुद्रा में रहा और उसने कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए अनेक उपाय किए.

ओ'ब्रायन ने एक्स पर डाला पोस्ट

ओ'ब्रायन ने ‘एक्स' पर अपनी पोस्ट में सत्तारूढ़ गठबंधन को ‘‘कमज़ोर'' करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘पूरे मानसून सत्र, 239 सीटों वाला मोदी गठबंधन रक्षात्मक मुद्रा में रहा. भारत के उपराष्ट्रपति लापता रहे और भाजपा को अभी तक नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं मिला.'' उन्होंने कहा, ‘‘ इसके अलावा, वोट चोरी घोटाला भी हुआ. दबाव में आकर उन्होंने पूरे सत्र में बाधा डालने के तरीके खोज निकाले.''

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