केरल के पलक्कड़ में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) तीन दिवसीय वार्षिक समन्वय बैठक शुरू होगी. यह बैठक 31 अगस्त को सुबह 9 बजे शुरू होगी और दो सितंबर तक चलेगी. इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और छह संयुक्त महासचिवों के अलावा बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा व पार्टी के संगठन सचिव बीएल संतोष भी भाग लेंगे.
बैठक में संघ परिवर से संबद्ध सभी 32 संगठनों के प्रमुख उपस्थित रहेंगे. बैठक में कुल 320 प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे. यह मोदी 3.0 के तहत आरएसएस और उससे संबद्ध संगठनों की पहली समन्वय बैठक है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को कहा कि वह राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए तीन दिवसीय समन्वय बैठक आयोजित कर रहा है. आरएसएस ने यह भी कहा कि वह उन पहलों पर चर्चा करेगा जो 2025 में संगठन के शताब्दी वर्ष पूरे होने के मौके पर शुरू करने का उसका इरादा है.
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने संवाददाताओं से कहा कि अखिल भारतीय समन्वय बैठक 31 अगस्त, एक और दो सितंबर को आयोजित की जाएगी और इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत और छह संयुक्त महासचिव भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि इसके अलावा बैठक में लगभग 32 “आरएसएस प्रेरित संगठनों” की भागीदारी होगी, जिनका प्रतिनिधित्व लगभग 320 कार्यकर्ता करेंगे.
आंबेकर ने कहा कि यह आरएसएस की कार्यकारिणी बैठक नहीं है, बल्कि इससे जुड़े संगठनों की बैठक है. अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने कहा, “इस बैठक के दौरान संघ से प्रेरित संगठनों के कार्यकर्ता अपने-अपने कार्यों के बारे में जानकारी और अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगे.”
उन्होंने कहा कि इस बैठक में वर्तमान परिदृश्य में राष्ट्रीय हित के विभिन्न मुद्दों, हाल की महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा की जाएगी. एक प्रश्न के उत्तर में आंबेकर ने यह भी कहा कि बैठक में बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उस पर भी चर्चा की जाएगी.
उन्होंने कहा कि चूंकि संगठन 2025 में विजयादशमी पर अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है, इसलिए वह सामाजिक सुधार और राष्ट्र निर्माण के लिए पांच पहल शुरू करेगा.
(इनपुट भाषा से भी)
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