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This Article is From Nov 08, 2022

'ताबूत तैयार रखो', केरल में RSS कार्यकर्ता की हत्या की जांच कर रहे अधिकारी को फोन पर मिली धमकी

केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता श्रीनिवासन की कथित हत्या मामले में जांच अधिकारी ने दावा किया है कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे हैं.

'ताबूत तैयार रखो', केरल में RSS कार्यकर्ता की हत्या की जांच कर रहे अधिकारी को फोन पर मिली धमकी
पलक्कड़:

केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता श्रीनिवासन की कथित हत्या मामले में जांच अधिकारी ने दावा किया है कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे हैं. पुलिस ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, फोन करने वाले ने उसे बताया कि उसकी पूछताछ ने उसके लिए परेशानी पैदा कर दी है और पलक्कड़ छोड़ने से पहले उसे परिणाम भुगतने होंगे. पुलिस ने कहा, "उन्होंने जांच अधिकारी से एक ताबूत तैयार रखने को कहा." जांच अधिकारी के बयान के आधार पर  पलक्कड़-टाउन साउथ थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई है.

गौरतलब है कि आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के मामले में अब तक 34 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और ये सभी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े हुए हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता श्रीनिवासन की 16 अप्रैल को (पीएफआई) नेता सुबैर की केरल के पलक्कड़ जिले में उनके पिता के सामने हत्या के एक दिन बाद हत्या कर दी गई थी.

सुबैर, पीएफआई का वर्कर था जिसकी 15 अप्रैल को एलुपल्ली पलक्कड़ जिले में हत्या कर दी गई थी और प्रतिशोध के रूप में, पूर्व आरएसएस कार्यकर्ता श्रीनिवासन की 16 अप्रैल को हत्या हुई थी. पुलिस ने दोनों मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था और एडीजीपी कानून व्यवस्था टीमों का नेतृत्व कर रहे हैं. गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर 5 साल का प्रतिबंध लगाया है. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हाल ही में जारी एक अधिसूचना के माध्यम से इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया. पीएफआई के साथ-साथ रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) सहित इससे जुड़े कई अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्राप्त इनपुट के अनुसार कहा गया है कि, "पीएफआई एक सुव्यवस्थित और संरचित तरीके से विदेशों से पर्याप्त धन जुटा रहा है और एकत्र कर रहा है". केंद्रीय एजेंसियों को यह भी पता चला कि "पीएफआई विदेशों में धन जुटा रहा था और गुप्त और अवैध चैनलों के माध्यम से भारत में उसका उपयोग कर रहा था."

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