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This Article is From Nov 08, 2022

महाराष्ट्र : फिल्म हर हर महादेव को लेकर हंगामा, एनसीपी नेता ने चलता शो करवाया बंद, दर्शक की हुई पिटाई

पुलिस ने राष्ट्रवादी के तकरीबन 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि जितेंद्र आव्हाड को भी आरोपी बनाया गया है या नहीं.

महाराष्ट्र : फिल्म हर हर महादेव को लेकर हंगामा, एनसीपी नेता ने चलता शो करवाया बंद, दर्शक की हुई पिटाई
एमएनएस नेता अविनाश जाधव ने जाकर शो फिर से शुरू करवाया और फिल्म देखी.
ठाणे:

महाराष्ट्र के पुणे और ठाणे में इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप में सोमवार को मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' के खिलाफ प्रदर्शन हुए, जिसके बाद फिल्म का प्रदर्शन रोक दिया गया. पुणे शहर में, मराठा संगठन के सदस्यों ने फिल्म के शो में व्यवधान पैदा किया जबकि ठाणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता व पूर्व मंत्री जितेंद्र अव्हाड के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर एक सिनेमाघर में फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी. सिनेमा बंद करवाते समय एक दर्शक ने अपनी टिकट के पैसे मांगे तो एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उसकी पिटाई की. 

दर्शक की पिटाई के बाद ठाणे के वर्तक नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने राष्ट्रवादी के तकरीबन 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मामले में जितेंद्र आव्हाड को भी आरोपी बनाया गया है.खास बात है कि जितेंद्र आव्हाड के जाने के बाद ठाणे के एमएनएस नेता अविनाश जाधव ने जाकर शो फिर से शुरू करवाया और फिल्म देखी. हर-हर महादेव फिल्म के लेकर अब ठाणे में एनसीपी और एमएनएस के बीच राजनीति शुरू हो गई है.

एक दिन पहले, पूर्व राज्यसभा सदस्य और कोल्हापुर शाही परिवार के वंशज संभाजी छत्रपति ने चेतावनी दी थी कि यदि महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित किसी भी आगामी फिल्म में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है, तो वह ऐसी फिल्मों का विरोध करेंगे और उनकी रिलीज को रोकने के लिए सभी प्रयास करेंगे.

शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी छत्रपति ने (हाल ही में रिलीज हुई) मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' और 'वेदत मराठे वीर दौडले सात' (एक आगामी फिल्म) पर भी नाराजगी व्यक्त की.

संभाजी ब्रिगेड के नेता संतोष शिंदे ने कहा, “संभाजी ब्रिगेड' के सदस्यों ने पुणे के एक सिनेमाघर में 'हर हर महादेव' की स्क्रीनिंग रोक दी और सिनेमाघर मालिक को चेतावनी दी. 'हर हर महादेव' में इतिहास से छेड़छाड़ की गई है, जबकि जबकि 'वेदत मराठे वीर दौडले सात' में 'मावले' (छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिक) का भयावह चित्रण किया गया है.”

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