Lok Sabha elections 2024: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में चुनाव मैदान में उतरे 1352 उम्मीदवारों द्वारा दिए गए शपथ पत्रों से उनकी सामाजिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं. इलेक्शन वाच/ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक, 1352 उम्मीदवारों में से 639 (47%) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है.
इन प्रत्याशियों में से 591 (44%) उम्मीदवारों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता होने की घोषणा की है. 44 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं. कुल 56 उम्मीदवारों ने खुद को सिर्फ साक्षर बताया है जबकि 19 उम्मीदवार निरक्षर हैं.
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की आयु प्रोफाइल में भी बदलाव दिख रहा है. तीसरे चरण के चुनाव में लगभग एक तिहाई चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार 40 वर्ष से कम उम्र के हैं. इन प्रत्याशियों में से 411 (30%) ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है. 712 (53%) उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है. 228 (17%) उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है. एक उम्मीदवार ने अपनी आयु 84 साल बताई है.
एडीआर/इलेक्शन वाच के प्रमुख अनिल वर्मा ने NDTV को बताया कि, "सिर्फ 9% महिला उम्मीदवार हैं. अभी जो लोकसभा है उसमें 15% महिला सांसद हैं. अगर सभी विधानसभाओं को देखें तो महिला विधायक 9% हैं. इलेक्शन कमीशन और पालिटिकल पर्टियों द्वारा महिला वोटरों को उत्साहित किया जाता है लेकिन चुनावों में टिकट पालिटिकल पार्टियां उन्हें ज्यादा नहीं देती हैं."
यह आंकड़े भारत के लोकतंत्र की एक तस्वीर पेश करते हैं. इनसे पता चलता है कि बहुत सारे सुखद बदलाव हैं लेकिन कुछ चिंताजनक ठहराव भी. अच्छा होता कि महिलाओं की भागीदारी में सुधार हुआ होता और विश्वविद्यालयों की भूमिका भी ज्यादा होती.
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