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This Article is From Jan 02, 2020

कश्‍मीर मसले पर OIC में बात करने के लिए पाकिस्‍तान और सउदी अरब में कोई डील नहीं हुई : विदेश मंत्रालय

बता दें कि पहले खबर यह आई थी कि सउदी अरब और पाकिस्‍तान के बीच ओआईसी में कश्‍मीर मसले को उठाने के लिए कोई डील हुई है, जिसमें कहा गया है कि कश्‍मीर मसले को उठाने के लिए ओआईसी बैठक बुलाएगी.

कश्‍मीर मसले पर OIC में बात करने के लिए पाकिस्‍तान और सउदी अरब में कोई डील नहीं हुई : विदेश मंत्रालय
ओआईसी को लेकर रवीश कुमार ने दिया बयान
नई दिल्ली:

कश्‍मीर मसले पर OIC (इस्लामिक सहयोग संगठन) में बात करने को विदेश मंत्रालय ने अपनी स्थिति साफ की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर को लेकर पाकिस्‍तान और सउदी अरब में कोई डील नहीं हुई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा कि यह खबर पूरी तरह से अटलों पर आधारित है. बता दें कि पहले खबर यह आई थी कि सउदी अरब और पाकिस्‍तान के बीच ओआईसी में कश्‍मीर मसले को उठाने के लिए कोई डील हुई है, जिसमें कहा गया है कि कश्‍मीर मसले को उठाने के लिए ओआईसी बैठक बुलाएगी. कुमार ने कहा कि यह रिपोर्ट पूरी तरीके से अटकलों पर आधारित है. हमलोग भारत संबंधित ऐसी किसी भी बैठक से अवगत नहीं हैं.

संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारत और जापान के बीच होने वाली बैठक के रद्द होने पर पूछे गए सवाल के जवाब में रवीश कुमार ने कहा कि भारत-जापान समिट को लेकर हमलोग जापान सरकार के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही मिलने के लिए नये तारीख की घोषणा की जाएगी. सीएए और एनआरसी मसले पर पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर दुनिया भर में विभिन्न देशों से हमने संपर्क किया है और उनके साथ इस मुद्दे पर जानकारी साझा की है.

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वहीं, नीरव मोदी के मामले पर पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि उसके दोनों मामलों में मुकदमा चल रहा है, जिनकी सुनवाई लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में हो रही है. हम नीरव मोदी को भारत के लिए जल्द प्रत्यर्पण सुनिश्चित करने के लिए सभी संसाधनों की मदद ले रहे हैं.

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'जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और यह आंतरिक मामला है', भारत ने यह बात इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) एक प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते पिछले साल ही साफ कर दिया था. आपको बता दें कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की हाल ही में अबूधाबी में बैठक संपन्न हुई थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि जम्मू कश्मीर पर प्रस्ताव के बारे में हमारी स्थिति अडिग और पूर्व परिचित है. हमारा जोर देकर कहना है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और यह मुद्दा भारत की आंतरिक सुरक्षा से संबंधित है.'' इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि आईओसी के हालिया संपन्न 48वें सत्र का समापन ऐसे प्रस्ताव के साथ हुआ है जो कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का ‘‘समर्थन'' करता है.

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गौरतलब है कि आईओसी में 57 देश शामिल हैं और इनमें से अधिकांश ऐसे देश हैं जहां मुस्लिम बहुसंख्यक है. शनिवार को आए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत कश्मीरियों के खिलाफ अंधाधुंध बल का इस्तेमाल कर रहा है. इसके साथ ही भारतीय पायलट अभिनंदन को रिहा किए जाने पर इमरान खान की तारीफ की गई है. आपको बता दें कि इस संगठन से जुड़े देशों की ओर से जम्मू-कश्मीर को लेकर पास किए गए प्रस्ताव के एक दिन पहले ही भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर इस संगठन की बैठक को संबोधित किया था. भारत की विदेश मंत्री को दिए गए सम्मान का पाकिस्तान ने विरोध भी किया था.

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भारत की यह भागीदारी इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) समूह को संबोधित करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दिया गया आमंत्रण रद्द करने की पाकिस्तान की मजबूत मांग के बावजूद हुयी थी. पाकिस्तान की इस मांग को मेजबान देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने स्वीकार नहीं किया और इसके फलस्वरूप पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पूर्ण सूत्र का बहिष्कार किया. सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘आतंकवाद और चरमपंथ अलग-अलग नाम हैं. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी भी धर्म के खिलाफ संघर्ष नहीं है.'' सुषमा 57 इस्लामिक देशों के समूह को संबोधित करने वाली पहली भारतीय मंत्री हैं. इससे पूर्व 1969 में इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री फखरुद्दीन अली अहमद, जो बाद में राष्ट्रपति बने, को रबात सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था. लेकिन उनके मोरक्को की राजधानी पहुंचने के बाद पाकिस्तान द्वारा जोर दिए जाने पर उनसे आमंत्रण वापस ले लिया गया था.  

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सुषमा ने अपने संबोधन में पवित्र कुरान की एक पंक्ति को उद्धृत किया जिसका अर्थ है, ‘‘धर्म में कोई बाध्यता नहीं होनी चाहिए.''उन्होंने कहा, ‘‘जैसे कि इस्लाम का मतलब अमन है और अल्लाह के 99 नामों में से किसी का मतलब हिंसा नहीं है. उसी तरह दुनिया के सभी धर्म शांति, करुणा और भाईचारे का संदेश देते हैं.'' सुषमा ने कहा, ‘‘मैं अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 18.5 करोड़ मुसलमान भाइयों-बहनों सहित 1.3 अरब भारतीयों का सलाम लेकर आयी हूं. हमारे मुसलमान भाई-बहन अपने-आप में भारत की विविधता का सूक्ष्म ब्रह्मांड हैं.'' 

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