महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपालों की नियुक्ति को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि राज्य के राज्यपाल के तौर पर जिस भी शख्स का चयन हो, उसके लिए कुछ तो मानदंड तय किया जाने चाहिए. ठाकरे ने आगे कहा कि आज महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी छत्रपति शिवाजी महाराज और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का अपमान कर रहे हैं. ये कही से भी सही नहीं है.
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र का एक राज्य मंत्री ने एकनाथ शिंदे के "विश्वासघात" की तुलना योद्धा राजा के आगरा से भागने से की. लेकिन इसके बाद राज्य सरकार ने उसे मंत्री बनाए रखा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल भारत के राष्ट्रपति का प्रतिनिधि होता है. और ऐसे पद पर किसे नियुक्त किया जा सकता है, इसके लिए कुछ मानदंड होने जरूरी हैं. मैं मांग करता हूं कि इसे लेकर नियम बनाए जाएं.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के एक बयान से फिर विवाद पैदा हो गया था. उन्होंने छत्रपति शिवाजी को पुराने जमाने का बताया है और डॉ आंबेडकर व नितिन गडकरी को मौजूदा समय का आदर्श या हीरो बताया था. कोश्यारी के इस बयान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए कहा था कि हम जब पढ़ते थे, मिडिल में, हाईस्कूल में तो हमारे टीचर पूछते थे - 'हू इज योर फेवरेट हीरो?' आपका फेवरेट लीडर कौन है? तो हम लोगों में से उस समय किसी को सुभाषचंद्र बोस, किसी को नेहरू जी और किसी को गांधी जी अच्छे लगते थे. मुझे ऐसा लगता है कि यदि कोई आपसे कहे कि 'हू इज योर आइकॉन, हू इज योर फेवरेट हीरो', बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है, यहीं महाराष्ट्र में आपको मिल जाएंगे. शिवाजी तो पुराने युग की बात है, नए युग की बात बोल रहा हूं. यहीं मिल जाएंगे डॉ आंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक सब यहीं मिल जाएंगे.''
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