संसद के 18 सितम्बर से प्रारंभ होने वाले विशेष सत्र की शुरुआत भारतीय संसद की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा पर चर्चा से होगी. अब तक इस विशेष सत्र के दौरान सरकार के एजेंडे में लोकसभा और राज्यसभा में कुल पांच बिल पेश किए जाना शामिल है.
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की तरफ से बुधवार को जारी किए गए बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है. इसके मुताबिक 18 सितम्बर को दोनों सदनों में कार्यवाही की शुरुआत भारतीय लोकतंत्र के इतिहास पर चर्चा से होगी. संविधान सभा से लेकर अब तक पिछले 75 साल का संसद का गरिमामयी इतिहास रहा है. इस दौरान जो अनुभव और उपलब्धियां रही हैं, उनसे आज क्या कुछ सीखा जा सकता है? इनसे जुड़े विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी.
अब तक इस विशेष सत्र के दौरान सरकार के एजेंडे में लोकसभा और राज्यसभा में कुल पांच बिल लाया जाना शामिल है. इसमें सबसे अहम बिल मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल की अवधि में बदलाव से जुड़ा है.
इसके अलावा पोस्टल सेवाओं में सुधार से जुड़ा द पोस्ट आफिस बिल 2023, द एडवोकेट्स (एमेडमेंट) बिल 2023, प्रेस और पत्रिकाओं का रजिस्ट्रेशन बिल 2023 भी सरकार के टेंटेटिव लिस्ट ऑफ़ बिज़नेस में शामिल हैं.
पांच दिनों का संसद का यह विशेष सत्र 18 सितम्बर से शुरू होकर 22 सितम्बर तक चलेगा.
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