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"जी राम जी" कानून लागू होने से किसी मनरेगा कर्मी की सेवा नहीं होगी प्रभावित बोले कृषि मंत्री

कृषि मंत्रालय के मुताबिक कि इस वार्ता में विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम, 2025 पर विचार-विमर्श किया गया. वार्ता में देशभर के लगभग 45 हजार स्थानों से 2 लाख से अधिक मनरेगा कर्मियों ने भाग लिया.

"जी राम जी" कानून लागू होने से किसी मनरेगा कर्मी की सेवा नहीं होगी प्रभावित बोले कृषि मंत्री
नई दिल्ली:

मनरेगा मजदूरों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा बयान दिया है. शिवराज सिंह चौहान ने सभी मनरेगा कर्मियों को आश्वासन दिया कि नए अधिनियम के कार्यान्वयन से वर्तमान में कार्यरत किसी भी मनरेगा कर्मी की सेवा प्रभावित नहीं होगी. उन्होंने ये बात 
मंगलवार को देश भर के लगभग 45,000 जगहों पर कार्यरत 2 लाख से अधिक मनरेगा कर्मियों से नए "विकसित भारत - जी राम जी" कानून पर विस्तार से चर्चा के दौरान कही .

कृषि मंत्रालय के मुताबिक कि इस वार्ता में विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम, 2025 पर विचार-विमर्श किया गया. वार्ता में देशभर के लगभग 45 हजार स्थानों से 2 लाख से अधिक मनरेगा कर्मियों ने भाग लिया. वार्ता का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में मनरेगा में कार्यरत कर्मियों को यह आश्वस्त करना था कि, नए अधिनियम से उनकी सेवा में कोई बाधा नहीं आएगी और वह पहले की तरह ही अपनी सेवा में निरंतर बनें रहेंगे ऐसा राज्य सरकार के माध्यम से सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा".

संवादात्मक सत्र के दौरान मनरेगा कर्मियों के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्रालय के अधिकारीयों से नए "जी राम जी" कानून के लागू होने के बाद उनकी सेवाओं को बहाल रखने और मानदेय भुगतान से जुड़े सवाल पूछे.

कृषि मंत्रालय की तरह से जारी एक प्रेस नोट के अनुसार इस राष्ट्रीय स्तर के संवाद के दौरान कहा कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने मनरेगा कर्मियों के प्रतिनिधियों  को आश्वस्त किया कि, अधिनियम की धारा 37 (3) के तहत यह साफ है कि मनरेगा में कार्यरत कर्मियों का रोजगार पूरी तरह सुरक्षित है एवं जो कर्मी मनरेगा कार्यन्वित कर रहे थे.वहीं वीबी-जी राम जी अधिनियम 2025 को भी कार्यन्वित करेंगे. उन्होंने यह भी दोहराया कि उनकी सेवा आगे भी जारी रखने से संबंधित प्रावधान का राज्यों के माध्यम से पालन सुनिश्चित किया जाएगा".

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि नए "जी राम जी" कानून में प्रशासनिक मद में खर्च की सीमा को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे राज्यों के माध्यम से कर्मियों का वेतन भुगतान समय पर सुनिश्चित किया जायेगा.इस संवाद के दौरान "वीबी-जी राम जी" अधिनियम, 2025 पर कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने एक विस्तृत प्रेजेंटेशन किया, और नए इस कानून की विशेषताओं, उद्देश्यों और कार्यान्वयन ढांचे की रूपरेखा प्रस्तुत की.

दुनिया की सबसे बड़ी रोज़गार गारंटी योजना मनरेगा की जगह लाये गए नए "विकसित भारत - जी राम जी" कानून का बजट करीब 72% तक बढ़ाने का प्रस्ताव है. सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने गौचर (जिला चमौली, उत्तराखंड) में राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन में किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा था,

"विकसित भारत जी राम जी योजना- शिवराज सिंह ने कहा कि मनरेगा की कमियों को दूर कर मोदी जी ने 'विकसित भारत जी राम जी योजना' शुरू की है. इसमें 100 से 125 दिन रोजगार गारंटी, बेरोजगार भत्ता, लंबित मजदूरी पर ब्याज का प्रावधान किया है. अब तक इस योजना के लिए पिछले बजट में 88,000 का प्रावधान था. इस बार जो हमने प्रस्तावित किया है ₹1,51,282 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे, पहले से पौने दोगुना ज़्यादा राशि ".

ज़ाहिर है, रोज़गार गारंटी के लिए लाये गए नए कानून पर अब भारत सरकार ने 63,282 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने का फैसला किया है.
अब तैयारी ज़मीन पर नए "जी राम जी" कानून को देशभर में सही तरीके से लागू करने पर है. मंगलवार को मनरेगा कर्मियों के साथ संवाद इसी दिशा में एक अहम कदम है.  

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