केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोधियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पड़ोसी देशों के हजारों दलित परिवार अब भारत में रहते हैं और नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं. भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में ठाकुर ने कहा कि सीएए नागरिकता देने वाला कानून है, न कि छीनने वाला.
ठाकुर ने कहा, ‘‘पड़ोसी देशों के हजारों दलित परिवार, जिनकी दो से तीन पीढ़ियां गुजर चुकी हैं, वर्षों से नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘क्या जो लोग पाकिस्तान से आए हैं और जिनकी दो-तीन पीढ़ियां गुजर गईं, उन्हें नागरिकता पाने का अधिकार नहीं है.''
ठाकुर ने आरोप लगाया कि देश के विभाजन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने वादा किया था कि पड़ोसी देशों में रहने वाले अल्पसंख्यकों की रक्षा की जाएगी, लेकिन पिछले 75 वर्षों में कांग्रेस ने इसके लिए कुछ नहीं किया.
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने वो कर दिखाया जो कांग्रेस 75 साल में नहीं कर पाई. यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही ताकत थी, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का सामना कर रहे हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन या पारसी लोगों को भारत सरकार नागरिकता प्रदान करेगी.''
ठाकुर ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सीएए के विरोध पर भी दुख व्यक्त किया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘केजरीवाल ने राजनीति को दूषित कर दिया है. कोई व्यक्ति उन लोगों का दर्द कैसे महसूस नहीं कर सकता जिन्होंने इतने अत्याचार झेले, जिनकी बेटियों को उठाया गया और बलात्कार किया गया?''
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि सीएए का कार्यान्वयन वोट बैंक बनाने की भाजपा की ‘गंदी राजनीति' है. इस बीच, आप के पूर्व विधायक एनडी शर्मा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता ठाकुर, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और अन्य की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए.
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