विज्ञापन

शख्स था मच्छर से परेशान, नहीं माने अधिकारी तो पॉलिथीन में पकड़कर निगम दफ्तर पहुंच गया

नगर निगम ने आश्वासन दिया है. फॉगिंग होगी. स्प्रे होगा. वही आश्वासन, जो हर साल बजट के साथ आता है और मच्छरों के साथ उड़ जाता है. करोड़ों खर्च होते हैं, नाले खुले रहते हैं, ड्रेनेज सोता रहता है और मच्छर जागते रहते हैं.रायपुर में अब एक नई नागरिक परंपरा शुरू हो चुकी है.

शख्स था मच्छर से परेशान, नहीं माने अधिकारी तो पॉलिथीन में पकड़कर निगम दफ्तर पहुंच गया
  • रायपुर में मच्छरों की समस्या इतनी गंभीर है कि नागरिकों ने मच्छरों को पकड़कर नगर निगम कार्यालय में शिकायत की है
  • मच्छरों की जांच में पता चला कि वे सामान्य हैं लेकिन उनकी संख्या और काटने से लोगों में भय व्याप्त है
  • नगर निगम ने फॉगिंग और स्प्रे का आश्वासन दिया है लेकिन हर साल यह समस्या बनी रहती है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
रायपुर:

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लोकतंत्र अब केवल वोट देने तक सीमित नहीं रहा. अब मच्छर भी इसमें हिस्सेदार बन गए हैं. फर्क बस इतना है कि वोट ईवीएम में जाता है और मच्छर सीधे नगर निगम के दफ्तर. तो रायपुर में इन दिनों मच्छरों की सेहत बहुत अच्छी है. व्यवस्था की सेहत जरूर संदिग्ध है, पर मच्छर पूरी तरह फिट हैं. वे न केवल उड़ रहे हैं, बल्कि लोकतंत्र में सक्रिय भागीदारी भी निभा रहे हैं.वामनराव लाखे वार्ड में एक जागरूक नागरिक ने वो कर दिखाया, जो वर्षों से सिस्टम नहीं कर पाया मच्छरों को पकड़ लिया. वो भी ज़िंदा नहीं, सबूत के तौर पर. यह कोई अपराध नहीं था, यह व्यवस्था के सामने सबूत पेश करना था. अब सबूत इसलिए ज़रूरी हो गए हैं क्योंकि शिकायतें यहां मर जाती हैं, लेकिन मच्छर ज़िंदा रहते हैं.

पहले जब मच्छर ने काटा, वो नागरिक घबराया.डॉक्टर के पास गया, डॉक्टर ने कहा मच्छर जांच कराइए. अब डॉक्टर शायद यह भूल गए थे कि देश में मच्छरों की जांच की सुविधा कम और फाइलों की जांच की आदत ज़्यादा है. लेकिन नागरिक ने बात को हल्के में नहीं लिया. उन्होंने तय किया कि अगर बीमारी मच्छर से है, तो मच्छर ही ले चलते हैं.दोषियों को मौके पर ही मार गिराया गया.फिर उन्हें पूरे सम्मान के साथ एक पॉलिथीन बैग में सील किया गया जैसे किसी बड़े घोटाले के दस्तावेज़ हों.गवाह बुलाए गए.विपक्ष का नेता साथ लिया गया ताकि प्रशासन यह न कह सके कि मच्छर निजी थे.

इसके बाद नगर निगम कार्यालय में वो ऐतिहासिक दृश्य बना, जो शायद पाठ्यपुस्तकों में दर्ज होना चाहिए एक नागरिक हाथ में मच्छरों का पैकेट लेकर स्वास्थ्य अधिकारी के सामने खड़ा था.अधिकारी ने शायद पहली बार महसूस किया कि जनता अब केवल आवेदन नहीं लाती, सबूत भी साथ लाती है. नगर निगम में मच्छर पहुँचे तो अफसर भी चौंक गए शायद उन्हें उम्मीद नहीं थी कि जनता एक दिन समस्या को पकड़कर ले आएगी. वे तो अब तक यही सोचते थे कि जनता केवल शिकायत करेगी और थककर घर चली जाएगी.

डॉक्टर बुलाए गए. मच्छरों की जांच हुई. रिपोर्ट आई मच्छर सामान्य हैं. यानी न डेंगू, न मलेरिया. बस रोज़मर्रा के सरकारी किस्म के मच्छर.अब विपक्ष को मौका मिल गया. नेता प्रतिपक्ष बोले कागज़ों में ‘स्वच्छ रायपुर, सुंदर रायपुर' है, लेकिन ज़मीन पर नागरिक मच्छर पकड़कर दफ्तर ला रहा है. अगर यही स्मार्ट सिटी है, तो मच्छर शायद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले होंगे.

इलाके के लोग बताते हैं कि मच्छर अब केवल काटते नहीं, डराने लगे हैं. लोग रात में मच्छरदानी नहीं, भगवान का नाम लेकर सोते हैं.किसी ने याद दिलाया कि कुछ साल पहले इसी इलाके में मच्छर के काटने से एक जान चली गई थी.यानी मच्छर पुराना खिलाड़ी है, सिर्फ प्रशासन हर साल नया बन जाता है.सामाजिक कार्यकर्ता विजय सोना कहते हैं कि उन्होंने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. शायद शिकायतें मच्छरों की तुलना में कम खतरनाक थीं.उनके परिवार में पहले ही मच्छर जनित बीमारी से मौत हो चुकी है.सवाल सीधा है अगर राजधानी में मच्छर बेलगाम हैं,तो बाकी जिलों में वे मंत्री होंगे क्या.

नगर निगम ने कही ये बात

नगर निगम ने आश्वासन दिया है. फॉगिंग होगी. स्प्रे होगा. वही आश्वासन, जो हर साल बजट के साथ आता है और मच्छरों के साथ उड़ जाता है. करोड़ों खर्च होते हैं, नाले खुले रहते हैं, ड्रेनेज सोता रहता है और मच्छर जागते रहते हैं.रायपुर में अब एक नई नागरिक परंपरा शुरू हो चुकी है. अगर सड़क टूटी हो गड्ढा लेकर जाइए अगर पानी गंदा हो बोतल में भरकर दीजिए और अगर मच्छर काटे तो उन्हें पकड़कर पॉलिथीन में सील कीजिए.क्योंकि इस सिस्टम में अब शिकायतें सुनी नहीं जातीं वे तभी मानी जाती हैं,जब खुद चलकर दफ्तर पहुंचें.चाहे शिकायत नागरिक हो या मच्छर.

यह भी पढ़ें: ये हो क्या रहा है...बाइक सवारों ने रेलवे ट्रैक को बनाया हाईवे

यह भी पढ़ें: मेरे पापा को जेल में बंद करो...पिता की शिकायत लेकर थाने जा पहुंचा 5 साल का बच्चा, तुतलाती आवाज में किया दिल का दर्द बयां

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com