Malaria: दुनिया को जीतने वाला महान शासक सिकंदर को युद्ध में तो कोई भी नहीं हरा पाया था. लेकिन उसके जिंदगी की जंग जिससे हारी उसको लेकर के आज भी रहस्य बना हुआ है. महज 33 साल की उम्र में सिकंदर की मौत हुई थी, जो आज भी एक रहस्य बना हुआ है. आज भी उसकी मौत की असल वजह क्या है ये सामने नहीं आ पाया है. कुछ उसकी मौत की वजह गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बताते हैं तो वहीं ऐसा भी माना जाता है कि अपने अंतिम समय में वो लकवाग्रस्त हो गया था. जबकि वो मानसिक रूप से पूरी तरह ठीक थे. उनकी मौस की वजह क्या है इसकी कोई पुख्ता जानकारी किसी इतिहास के पन्ने पर भी नहीं है. कुछ इतिहासकार का मानना है कि सम्राट की मौत की वजह था मलेरिया को बताया है, जो उस समय बेबीलोन में फैला हुआ था. क्या सच में मलेरिया ऐसा रोग है जिसकी वजह से जान जा सकती है? चलिए जानते हैं आखिर ये मलेरिया कैसे शरीर को करता है बीमार और ये कितना खतरनाक है.
मलेरिया क्या है?
बता दें कि मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो परजीवियों के कारण होती है. यह संक्रमित मादा एनोफेलेस मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलती है. गर्म और नम मौसम के कारण मलेरिया ज्यादा फैलता है. मानसून के मौसम में मलेरिया के मामलों में आमतौर पर वृद्धि देखी जाती है क्योंकि बढ़ी हुई नमी और भरे हुए पानी का ना निकल पाना मच्छरों के प्रजनन को बढ़ाता है. रूके हुए दूषित पानी में ही ये मच्छर पैदा होते हैं.
"मलेरिया प्लास्मोडियम प्रजाति के मच्छरों से फैलने वाला संक्रमण है. बारिश, पानी का भरना और साफ-सफाई ना होना इसक मुख्य कारण हैं जो हर साल मलेरिया के मामलों में वृद्धि का कारण बनते हैं. बरसात के मौसम में फैलने वाली मलेरिया संबंधी बीमारियों के कारण बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है.
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया में आमतौर पर तेज बुखार, कंपकंपी, सिरदर्द, शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं और इसके साथ ही मलेरिया शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है जिसमें मस्तिष्क या किडनी की समस्याएं भी शामिल हैं. मलेरिया गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है, खासकर अगर इसका इलाज न किया जाए. 5 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे लोगों में इसकी चपेट में आने का खतरा ज्यादा होता है. मलेरिया होने पर कुछ लक्षण दिख सकते हैं-
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- बुखार
- ठंड लगना
- थकान
- सिर दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- छाती में दर्द
- खाँसी
- साँस लेने में कठिनाई
- गहरे रंग का मूत्र
- पीलिया
- असामान्य ब्लीडिंग
कुछ मामलों में, इससे ब्रेन पर असर, अंगों का कार्य ना करना और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है.
कैसे करें बचाव
मच्छरों के काटने से बचाव और उनके प्रजनन स्थलों को नष्ट करना मलेरिया से बचने के दो असरदार तरीके होते हैं. इससे बचने के लिए आप पूरे बाजू के कपड़े पहनें मच्छर भगाने वाली दवाओं का इस्तेमाल करें. बता दें कि मानसून के दौरान डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और पीलिया जैसी बीमारियां भी काफी आम हैं. अगर आपको बरसात के मौसम में तेज बुखार हो, तो मलेरिया की जांच जरूर करवाएं. तेज बुखार का मतलब यह नहीं है कि यह वायरल संक्रमण है. डॉक्टर से मिलकर तुरंत अपना ब्लड टेस्ट करवाएं.
एक्सपर्ट ने बताया कि अगर मलेरिया का समय पर इलाज न किया जाए तो ये जानलेवा हो सकता है. इसलिए अपने आप को सुरक्षित रखें और अपने घर के आस-पास और घर में भी कहीं भी पानी जमा ना होने दें. बता दें कि मलेरिया मच्छरों के काटने के अलावा, ब्लड डोनेशन या दूषित सुइयों के उपयोग से भी फैल सकता है.
मलेरिया होने पर जान जा सकती है
बता दें कि मलेरिया जानलेवा भी साबित हो सकता है. क्योंकि ये प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम परजीवी से होने वाला संक्रमण है, जो आपके ब्रेन को प्रभावित कर सकता है और कोमा या मृत्यु का कारण बन सकता है, अगर इसका समय रहते इलाज ना किया जाए तो.
भारत होगा मलेरिया मुक्त
भारत अब बहुत ही जल्दी मलेरिया से आजाद होने की दहलीज पर खड़ा है. हाल ही में आई ICMR-NIMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च–नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च) की रिपोर्ट के मुताबिक, देश ने पिछले एक दशक में मलेरिया के खिलाफ काफी बड़ी कामयाबी हासिल की है. आंकड़ों की मानें तो 2015 से 2024 के बीच आए मलेरिया के मामलों में 85 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है. एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि 2030 तक भारत मलेरिया-मुक्त घोषित करने का लक्ष्य पूरी तरह संभव है. पूरी स्टोरी जानने के लिए यहां क्लिक करें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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