
Bilkis Bano Rape Case: रेप के दोषियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इस मामले में केंद्र और गुजरात की सरकारें, हालांकि दोनों बीजेपी की हैं, की राय अलग-अलग है. 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के अपराध में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को रिहाई के गुजरात सरकार के फैसले ने सवाल खड़े कर दिए हैं. आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार ने इसी वर्ष जून में दोषी कैदियों की एक विशेष रिहाई नीति का प्रस्ताव करते हुए राज्यों के लिए गाइडलाइंस जारी की थीं. हालांकि रेप के दोषी उस सूची में शामिल थे जिन्हें इस नीति के तहत विशेष रिहाई नहीं दी जानी है.
तकनीकी आधार पर केंद्र की गाइडलाइंस बिलकिस बानो केस में लागू नहीं हुईं. एक गर्भवती महिला से रेप और हत्या के मामले में दोषी 11 लोगों को रिहा करने में गुजरात सरकार ने मई में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, अपनी स्वयं की गाइडलाइंस का पालन किया. लेकिन ऐसा लगता है कि यह फैसला ऐसे मामलों के केंद्र के सिद्धांत के खिलाफ है. यह विरोध, गृह मंत्रालय की बेबसाइट पर केंद्र की विशेष नीति (Centre's special policy) के पेज 4 के बिंदु क्रमांक 5 में साफ तौर पर स्पष्ट किया गया है. एक बिंदु में साफ कहा गया है कि आजीवन कारावास की सजा वाले किसी भी शख्स को रिहा नहीं किया जाएगा.
गौरतलब है कि तीन मार्च 2002 को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने बिलकिस बानो के परिवार पर हमला कर दिया था.अभियोजन के अनुसार, ‘‘बिलकिस उस समय 21 वर्ष की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं. उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. इतना ही नहीं, उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी.''अदालत को बताया गया था कि छह अन्य सदस्य मौके से फरार हो गए थे. इस मामले के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था. गुजरात सरकार ने अपनी माफी नीति के तहत इन लोगों की रिहाई की मंजूरी दी. मुंबई में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के जुर्म में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बंबई हाईकोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था.
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Bilkis Bano Case क्या था? गुजरात सरकार ने क्यों 11 दोषियों को रिहा कर दिया
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