केंद्र सरकार ने एडवांस्ड स्टील निर्माण के क्षेत्र में भारत को वैश्विक स्तर पर एक अहम मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनाने के लिए विशिष्ट इस्पात (Specialty Steel) के लिए तैयार उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) का तीसरा चरण (PLI 1.2) लांच कर दिया है. मंगलवार को केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने इस महत्वकांशी पहल को लांच किया.
'पहले दो चरण के दौरान कुल 43,874 करोड़ रुपये का निवेश हुआ'
केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, भारत में विशिष्ट इस्पात (Specialty Steel) की मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए लांच की गयी पीएलआई योजना ने पहले दो चरण के दौरान कुल 43,874 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है, इससे देश में 30,760 प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं और करीब 14.3 मिलियन टन तक नई specialty स्टील का प्रोडक्शन बढ़ाने की क्षमता बढ़ी है.
जुलाई, 2021 में मोदी कैबिनेट ने विशिष्ट स्टील (Specialty Steel) के लिए पीएलआई योजना को 6,322 करोड़ रुपये के कुल outlay के साथ शुरू किया था, जिसका लक्ष्य रक्षा, एयरोस्पेस, ऊर्जा, ऑटोमोबाइल और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाले हाई क्वालिटी के स्टील के उत्पादन को प्रोत्साहित करना था.
मंगलवाय को इस नयी पहल की घोषणा करते हुए केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, "ये भारत की औद्योगिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता की यात्रा में एक बहुत बड़ी सफलता है. पीएलआई योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक उज्जवल स्तंभ है, जिसका उद्देश्य भारत को औद्योगिक उत्पादन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और प्रौद्योगिकी रूप से उन्नत बनाना है”.
इसे उच्च श्रेणी के स्टील उत्पादन के क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक केंद्र बनने के उदेश्य से डिज़ाइन किया गया है.
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