प्रेमी युगल के समगोत्रीय शादी से इलाके में तनाव, 84 गांव के महापंचायत ने 5 दिन का दिया अल्टीमेटम 

लड़की के पिता ने कहा कि लड़की अगर वापस नहीं आती है तो मेरा यहां रहना मुश्किल होगा. गांव छोड़ना पड़ेगा. मेरी दो और बेटियां हैं, उनके साथ कौन शादी करेगा.

प्रेमी युगल के समगोत्रीय शादी से इलाके में तनाव, 84 गांव के महापंचायत ने 5 दिन का दिया अल्टीमेटम 

मेरठ (यूपी):

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में समगोत्रीय शादी से आसपास के दो दर्जन से ज्यादा गांव में तनाव है. गांव के लोगों ने महापंचायत करके लड़के वालों को 5 दिन का वक्त दिया है. इधर शादी करने वाले प्रेमी युगल ने पुलिस ने अपने जान की गुहार लगाई है. मेरठ से करीब 25 किमी दूर गोटका गांव में एक बालिग प्रेमी युगल ने दस दिन पहले शादी कर ली. शादी की बात पता चलते ही आसपास के गांव में तनाव फैल गया. 84 गांव के लोगों ने सोमवार को एक महापंचायत की. इसमें सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम भी शामिल हुए उन्होंने इस शादी को सिरे से नकारते हुए लड़के वालों को पांच दिन का अल्टीमेटम दे दिया.

संगीत सोम ने कहा कि हमारे बच्चों का दूसरे धर्म में शादी कर लेंगे, कुंआरे रह जाएंगे, लेकिन एक गोत्र में शादी हमें बिल्कुल स्वीकार नहीं है. पांच दिन में लड़के वाले लड़की को गांव लेकर आएं.

पंचायत के इस फैसले के बाद एनडीटीवी की टीम लड़की के घर पहुंची. यहां उनके पिता देवेंद्र सिंह से मुलाकात हुई. इनकी तीन बेटियां हैं. परिवार अब भी बेटी की वापसी की राह देख रहा है. उनको डर है कि बड़ी बेटी के समगोत्रीय शादी के बाद उनकी दूसरी बेटियों की शादी में दिक्कत आएगी और समाज में उनका रहना मुश्किल होगा.

लड़की के पिता ने कहा कि लड़की अगर वापस आती है तो हम पंचायत की रजामंदी से उसकी दूसरी जगह शादी करवाएंगे. लेकिन नहीं आती है तो मेरा यहां रहना मुश्किल होगा. गांव छोड़ना पड़ेगा. मेरी दो और बेटियां हैं, उनके साथ कौन शादी करेगा.

इसी गांव में देवेंद्र सिंह के घर से कुछ ही दूरी पर शादी करने वाले लड़के के पिता मुकेश सिंह का घर है, लेकिन जब हम उनके घर पहुंचे तो पता चला कि लड़के के पिता मौजूद नहीं है और घर वाले मीडिया से बात करने को तैयार नहीं है. प्रेमी युगल बालिग है और मेरठ में रजिस्टर्ड शादी करके वो शहर से कहीं दूर चले गए हैं. लेकिन गांव में नौजवानों से लेकर बुजुर्ग तक सब इस शादी से खासे नाराज हैं. उनका कहना है कि पंचायत की बात नहीं मानने पर सामाजिक बहिष्कार से लेकर लड़ाई झगड़े तक की नौबत भी आ सकती है.

गोटका पंचायत के सदस्य रतन सिंह ने कहा कि लड़की नहीं आती है तो फिर कुछ भी हो सकता है. गांव के लोग कतई नहीं स्वीकार करेंगे कि गांव के लड़के-लड़की भाई बहन होते हैं, कैसे ये शादी हो सकती है.

लड़का-लड़की के बालिग होने के चलते फिलहाल प्रशासन के भी इस मामले में हाथ बंधे हैं. कोशिश यही है कि शादी करने वाले प्रेमी युगल को सुरक्षा मुहैया की जाए. मेरठ एसएसपी रोहित सिंह साजवाड़ ने कहा कि पुलिस के संज्ञान में ये मामला सामने आया है, हम शादी करने वाले दंपत्ति को सुरक्षा दे रहे हैं.

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हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों में पंचायत के फरमानों को समाज में खासी अहमियत दी जाती है. अब चिंता इस बात की है कि अगर पंचायत के इन फैसलों पर अमल होता है तो लड़की का भविष्य कई चिंताओं से घिर जाएगा.