जजों की नियुक्तियों को लेकर पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश से लगातार जारी विवाद के बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने केंद्र सरकार को खत लिखकर बताया है कि उन्हें लगता है कि तेलंगाना का गठन अभी 'अधूरा' रह गया है।
केसीआर के नाम से पुकारे जाने वाले मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार को न्यायिक अधिकारियों को भी दोनों राज्यों के बीच बांट देना चाहिए, और ऐसा इससे पहले इसी तरह गठित हुए राज्यों के उदाहरणों के आधार पर तथा उस कानून के तहत किया जाना चाहिए, जिसके द्वारा वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश का बंटवारा किया गया था।
"बंटवारा कार्यपालिका तथा विधायिका तक ही सीमित रह गया है..."
केसीआर ने पत्र में लिखा, "संसद की इच्छा से शुरू की गई आंध्र के बंटवारे और तेलंगाना के गठन की प्रक्रिया अधूरी है, क्योंकि फिलहाल बंटवारा कार्यपालिका तथा विधायिका तक ही सीमित रह गया है, और हाईकोर्ट का बंटवारा होना अब भी बाकी है..."
गौरतलब है कि तेलंगाना में 200 से भी ज़्यादा जज सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं, और उनका कहना है कि अदालतों में रिक्तियों को आंध्र प्रदेश के जजों से भरा जा रहा है, जो तेलंगाना की राजनीति और प्रशासन को प्रभावित करने की कोशिश है।
तेलंगाना गठन के वक्त से ही दोनों राज्यों में विवाद रहे हैं...
जब से आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना का गठन हुआ है, दोनों राज्यों के बीच पानी के अलावा आईटी हब कहे जाने वाले हैदराबाद शहर में ज़मीन के बंटवारे को लेकर भी विवाद जारी हैं। गौरतलब है कि हैदराबाद को तेलंगाना के गठन के बाद 10 साल तक के लिए संयुक्त राजधानी बनाया गया है, और फिर वह तेलंगाना का हिस्सा हो जाएगा।
मंगलवार को केसीआर ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा केंद्र सरकार पर बरसते हुए आरोप लगाया था कि वे तेलंगाना को अपनी अलग हाईकोर्ट और जज नहीं देकर राज्य को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल की तरह व्यवहार कर रहे हैं केसीआर : सदानंद गौड़ा
केंद्रीय विधि मंत्री सदानंद गौड़ा ने पलटवार करते हुए कहा था कि केसीआर दिल्ली में धरना देने की धमकी देकर 'अरविंद केजरीवाल की तरह व्यवहार कर रहे हैं...'
केसीआर के नाम से पुकारे जाने वाले मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार को न्यायिक अधिकारियों को भी दोनों राज्यों के बीच बांट देना चाहिए, और ऐसा इससे पहले इसी तरह गठित हुए राज्यों के उदाहरणों के आधार पर तथा उस कानून के तहत किया जाना चाहिए, जिसके द्वारा वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश का बंटवारा किया गया था।
"बंटवारा कार्यपालिका तथा विधायिका तक ही सीमित रह गया है..."
केसीआर ने पत्र में लिखा, "संसद की इच्छा से शुरू की गई आंध्र के बंटवारे और तेलंगाना के गठन की प्रक्रिया अधूरी है, क्योंकि फिलहाल बंटवारा कार्यपालिका तथा विधायिका तक ही सीमित रह गया है, और हाईकोर्ट का बंटवारा होना अब भी बाकी है..."
गौरतलब है कि तेलंगाना में 200 से भी ज़्यादा जज सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं, और उनका कहना है कि अदालतों में रिक्तियों को आंध्र प्रदेश के जजों से भरा जा रहा है, जो तेलंगाना की राजनीति और प्रशासन को प्रभावित करने की कोशिश है।
तेलंगाना गठन के वक्त से ही दोनों राज्यों में विवाद रहे हैं...
जब से आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना का गठन हुआ है, दोनों राज्यों के बीच पानी के अलावा आईटी हब कहे जाने वाले हैदराबाद शहर में ज़मीन के बंटवारे को लेकर भी विवाद जारी हैं। गौरतलब है कि हैदराबाद को तेलंगाना के गठन के बाद 10 साल तक के लिए संयुक्त राजधानी बनाया गया है, और फिर वह तेलंगाना का हिस्सा हो जाएगा।
मंगलवार को केसीआर ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा केंद्र सरकार पर बरसते हुए आरोप लगाया था कि वे तेलंगाना को अपनी अलग हाईकोर्ट और जज नहीं देकर राज्य को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल की तरह व्यवहार कर रहे हैं केसीआर : सदानंद गौड़ा
केंद्रीय विधि मंत्री सदानंद गौड़ा ने पलटवार करते हुए कहा था कि केसीआर दिल्ली में धरना देने की धमकी देकर 'अरविंद केजरीवाल की तरह व्यवहार कर रहे हैं...'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
के. चंद्रशेखर राव, तेलंगाना जज विरोध प्रदर्शन, हैदराबाद हाईकोर्ट, राजनाथ सिंह, सदानंद गौड़ा, K Chandrasekhara Rao, Rajnath Singh, Telangana Judges Protest, Telangana, N Chandrababu Naidu, Andhra Pradesh