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तेलंगाना फोन टैपिंग विवाद : पूर्व खुफिया ब्यूरो चीफ को बनाया गया आरोपी नंबर-1 

सीएम रेवंत रेड्डी ने फोन टैपिंग मामले में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "साजिश की अभी भी जांच चल रही है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है."

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तेलंगाना फोन टैपिंग विवाद : पूर्व खुफिया ब्यूरो चीफ को बनाया गया आरोपी नंबर-1 
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना में हंगामा मचाने वाले फोन टैपिंग मामले में राज्य के खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टी प्रभाकर राव को आरोपी नंबर-1 बनाया गया है. के चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पिछली बीआरएस सरकार के दौरान राव के आदेश पर विपक्षी नेताओं के फोन को अवैध रूप से टैप करके इलेक्ट्रॉनिक डेटा इकट्ठा किया गया. अभी राव कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं, जिनके नाम पर लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. हैदराबाद में राव के घर समेत करीब एक दर्जन अन्य जगहों की तलाशी ली गई है. इसमें तेलुगु न्यूज चैनल चलाने वाले श्रवण राव का आवास भी शामिल है.

माना जाता है कि श्रवण राव (जिसके विदेश में होने का अंदाजा लगाया जा रहा है) कथित तौर पर एक स्थानीय स्कूल के परिसर में इजरायल से मंगाए गए फोन-टैपिंग उपकरण और सर्वर लगाने में मदद की थी.

सिटी टास्क फोर्स में कार्यरत रहे एक अन्य पुलिसकर्मी राधा किशन राव को भी आरोपी बनाया गया है, जिसके लिए भी लुक-आउट नोटिस जारी किया गया है. इस मामले में तेलंगाना के कई अन्य पुलिस अधिकारियों की भी जांच की जा रही है.

एडिशनल एसपी भुजंगा राव और थिरुपथन्ना, डिप्टी एसपी प्रणीत राव को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस के मुताबिक, पिछले हफ्ते गिरफ्तार किए गए भुजंगा राव और तिरुपथन्ना ने अवैध रूप से निजी व्यक्तियों की जासूसी करने और सबूत नष्ट करने की बात कबूल की है.

प्रणीत राव को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था, और उस पर अज्ञात व्यक्तियों की प्रोफाइल बनाने और अनधिकृत तरीके से उनकी गतिविधियों की निगरानी करने के साथ-साथ कुछ कंप्यूटर सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर इकट्ठा डेटा को नष्ट करने का आरोप लगाया गया था.

कथित तौर पर प्रभाकर राव के आदेश पर सबूत नष्ट कर दिए गए थे. ये आदेश कथित तौर पर 2023 के चुनाव में कांग्रेस द्वारा बीआरएस को हराने के एक दिन बाद दिया गया था.

जिनकी डिवाइस की जासूसी की गई, उनमें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बीआरएस के लोग भी शामिल हैं. ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं कि तेलुगु एक्टर्स और बिजनेसमैन की भी जासूसी की गई थी और उनमें से कईयों को ब्लैकमेल भी किया गया था.

सूत्रों के मुताबिक, एक लाख से अधिक फोन कॉल टैप किए गए थे.

सीएम रेवंत रेड्डी ने फोन टैपिंग मामले में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "साजिश की अभी भी जांच चल रही है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ सामने आना बाकी है."

कुल मिलाकर, कम से कम 30 पुलिस अधिकारियों की जांच होने की संभावना है, क्योंकि अब ये मामला खुल गया है. ऐसी भी अफवाहें हैं कि एक बीआरएस नेता का नाम भी सामने आ सकता है.

सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि तेलंगाना के राज्य खुफिया ब्यूरो को वामपंथी उग्रवाद पर नजर रखने की जिम्मेदारी है, लेकिन एक टीम कथित तौर पर राजनीतिक खुफिया जानकारी और विपक्षी पार्टी के नेताओं द्वारा किए गए लेनदेन का विवरण इकट्ठा कर रही थी.
 

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