बेंगलुरु:
बेंगलुरु में तंजानिया की छात्रा के साथ हुई बदसलूकी मामले में एक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई हुई है। यशवंतपुर डिविजन के अस्टिटेंट पुलिस कमिश्नर ए.एन. पाइस को सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर अपनी ड्यूटी में देरी करने का आरोप है। इस मामले में अब तक छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका और 9 लोगों को गिरप्तार भी किया गया है।
पिछले रविवार को तंजानिया की एक छात्रा के साथ भीड़ द्वारा बदसलूकी किए जाने के मामले को तंजानिया के राजदूत ने 'जातिगत हमला' बताया था। इस मामले की जांच के लिए विदेश मंत्रालय की एक जांच टीम ने बेंगलुरु जाकर पड़ताल की। इस टीम में तंजानिया के हाई कमिश्नर भी शामिल थे। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित तमाम राजनीतिक दलों ने इस घटना की तीखी आलोचना की थी।
भारत में तंजानिया के उच्चायुक्त जॉन डब्लू.एच. किजाज़ी ने शुक्रवार को बेंगलुरु में कर्नाटक के गृह मंत्री के साथ लंबी बैठक की। इस दौरान भारत के विदेश मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल भी वहां मौजूद था, जिसकी अगुवाई में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव पार्था सत्यपथी कर रहे थे।
तंजानिया के उच्चायुक्त संतुष्ट
बैठक के बाद तंजानिया के उच्चायुक्त जॉन डब्लू.एच. किजाज़ी ने कहा कि वे इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रशासन ने इस मामले में जरूरी कदम उठाए हैं। उन्होंने इस हमले को नस्ली हमले से नहीं जोड़ा। हालांकि तंजानिया ने पहले इसे जातिगत हमला करार दिया था। उन्होंने अफ्रीकी मूल के छात्रों से अपील की कि वे राज्य सरकार की इज्जत करें और कानून का पालन करें।
इसके बाद विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव पार्था सत्यपथी ने राज्य सरकार से कहा कि वह यह सुनिश्चत करे कि भविष्य में ऐसी वारदात दोबारा न हो। बाद में तंजानिया के उच्चायुक्त जॉन डब्लू एच किजाज़ी ने अफ्रीकी मूल के छात्रों से पुलिस कमिश्नर दफ्तर में मुलाकात की।
दरअसल, घटना पिछले रविवार की है जब कुछ लोग एक विदेशी छात्र की कार के नीचे आने से एक महिला की मौत को लेकर नाराज थे। गुस्सायी भीड़ ने एक दूसरे विदेशी छात्र की पिटाई की और उसकी कार को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान उन्होंने वहां से गुजरने वाली तंजानिया की छात्रा से बदसलूकी की और उसके कपड़े फाड़ दिए। छात्रा जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर वहां से निकल पाई।
क्या है पूरा मामला?
पिछले रविवार को तंजानिया की एक छात्रा के साथ भीड़ द्वारा बदसलूकी किए जाने के मामले को तंजानिया के राजदूत ने 'जातिगत हमला' बताया था। इस मामले की जांच के लिए विदेश मंत्रालय की एक जांच टीम ने बेंगलुरु जाकर पड़ताल की। इस टीम में तंजानिया के हाई कमिश्नर भी शामिल थे। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित तमाम राजनीतिक दलों ने इस घटना की तीखी आलोचना की थी।
भारत में तंजानिया के उच्चायुक्त जॉन डब्लू.एच. किजाज़ी ने शुक्रवार को बेंगलुरु में कर्नाटक के गृह मंत्री के साथ लंबी बैठक की। इस दौरान भारत के विदेश मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल भी वहां मौजूद था, जिसकी अगुवाई में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव पार्था सत्यपथी कर रहे थे।
तंजानिया के उच्चायुक्त संतुष्ट
बैठक के बाद तंजानिया के उच्चायुक्त जॉन डब्लू.एच. किजाज़ी ने कहा कि वे इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रशासन ने इस मामले में जरूरी कदम उठाए हैं। उन्होंने इस हमले को नस्ली हमले से नहीं जोड़ा। हालांकि तंजानिया ने पहले इसे जातिगत हमला करार दिया था। उन्होंने अफ्रीकी मूल के छात्रों से अपील की कि वे राज्य सरकार की इज्जत करें और कानून का पालन करें।
इसके बाद विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव पार्था सत्यपथी ने राज्य सरकार से कहा कि वह यह सुनिश्चत करे कि भविष्य में ऐसी वारदात दोबारा न हो। बाद में तंजानिया के उच्चायुक्त जॉन डब्लू एच किजाज़ी ने अफ्रीकी मूल के छात्रों से पुलिस कमिश्नर दफ्तर में मुलाकात की।
दरअसल, घटना पिछले रविवार की है जब कुछ लोग एक विदेशी छात्र की कार के नीचे आने से एक महिला की मौत को लेकर नाराज थे। गुस्सायी भीड़ ने एक दूसरे विदेशी छात्र की पिटाई की और उसकी कार को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान उन्होंने वहां से गुजरने वाली तंजानिया की छात्रा से बदसलूकी की और उसके कपड़े फाड़ दिए। छात्रा जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर वहां से निकल पाई।
क्या है पूरा मामला?
- 31 जनवरी की शाम एक कार से कुचलकर महिला की मौत
- अफ़्रीकी मूल के 4 छात्र कार में सवार थे
- चश्मदीदों के मुताबिक, चारों छात्र नशे में थे
- गुस्साई भीड़ ने कार को घेरा, चारों छात्रों की पिटाई की
- पिटाई के बाद छात्रों को पुलिस के हवाले किया, कार को आग लगाई
- घटना के थोड़ी देर बाद वहां से एक दूसरी कार गुज़री
- दूसरी कार में भी अफ्रीकी मूल की दो छात्राएं और दो छात्र सवार
- गुस्साई भीड़ ने अफ्रीकी मूल के इन छात्र-छात्राओं को भी पीटा
- गुस्साई भीड़ ने दूसरी कार को भी आग लगाई
- तीन दिन बाद बुधवार देर शाम एक छात्रा की वकील सामने आई
- वकील ने 31 जनवरी की शाम छात्रा से बदसलूकी का आरोप लगाया
- बदसलूकी की शिकायत दर्ज कराने वाली छात्रा तंज़ानिया की
- छात्रा ने कार से खींचकर मारपीट का आरोप लगाया
- तंज़ानिया की छात्रा ने कपड़े फाड़े जाने का भी आरोप लगाया
- तंजानियाई छात्रा के कपड़े उतार कर परेड कराने की बात सही नहीं है
- लड़की पर हमला हुआ है, यह साफ़ है।
- उन्होंने बताया कि लड़की के कपड़े फाड़े गए हैं
- उसने बस पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन उसे खींच कर पीटा गया
- एक ईरानी लड़के ने उसे बचाया और छुपा कर रखा।
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