स्वामी ओम पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया ने लगाया जुर्माना.
नई दिल्ली:
निजता जैसे गंभीर मुद्दे पर बडे फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में जरा हटके सुनवाई हुई. सवा घंटे की बहस के बाद बिग बॉस से चर्चित हुए स्वामी ओम पर सुप्रीम कोर्ट ने दस लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया. दरअसल स्वामी ओम ने याचिका में कहा था कि हाई कोर्ट और सुप्रीम में जजो की नियुक्ति करते समय CJI से सिफारिश क्यों ली जाती है? इसी पर CJI खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच के सामने ये केस आया तो कोर्ट ने कहा कि ये पब्लिसिटी स्टंट है. लेकिन स्वामी ओम ने कहा कि वो ' बिग बॉस ' के जरिए पहले ही बहुत पब्लिसिटी पा चुके हैं. जस्टिस खेहर ने पहले जस्टिस चंद्रचूड से पूछा और इसके बाद कोर्ट मास्टर ने खडे होकर उन्हें इसके बारे में बताया.
आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी ओम और उसके सहयोगी मुकेश जैन पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 10-10 लाख रुपये एक महीने के भीतर प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराने के आदेश दिए. एक महीने के बाद फिर मामले की सुनवाई होगी. हालांकि इस दौरान स्वामी ओम ने कहा कि उनके पास तो 10 रुपये भी नहीं है. जिसपर CJI खेहर ने कहा कि जो अपने 34 करोड़ अनुयायी बताये थे वो 1-1 रुपया भी देंगे तो आप जुर्माना आसानी से भर देंगे.
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इस दौरान CJI ने ओम से पूछा कि वो ये मुद्दा क्यों उठा रहे हैं क्योंकि उन पर तो कोई आरोप भी नहीं है. लेकिन ओम ने कहा कि वो उनके खिलाफ नहीं हैं. जब जस्टिस खेहर के लिए भी पत्र भेजा गया था तो उन्होंने इसका विरोध किया था. इस दौरान ओम की बात पर CJI खेहर ने कहा कि आप कोर्ट की दुरुपयोग कर रहे हैं और ये अच्छी बात नहीं है. हम आपको इसके लिए सजा दे सकते हैं.
VIDEO: सुप्रीम कोर्ट का निजता के अधिकार पर आदेश
वहीं जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि 25 साल मेहनत के बाद कोई सुप्रीम कोर्ट पहुंचता है और जीवन में इतने बलिदान करता है. आप इस तरह किसी पर कैसे आरोप लगा सकते हैं ?
आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी ओम और उसके सहयोगी मुकेश जैन पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 10-10 लाख रुपये एक महीने के भीतर प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराने के आदेश दिए. एक महीने के बाद फिर मामले की सुनवाई होगी. हालांकि इस दौरान स्वामी ओम ने कहा कि उनके पास तो 10 रुपये भी नहीं है. जिसपर CJI खेहर ने कहा कि जो अपने 34 करोड़ अनुयायी बताये थे वो 1-1 रुपया भी देंगे तो आप जुर्माना आसानी से भर देंगे.
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इस दौरान CJI ने ओम से पूछा कि वो ये मुद्दा क्यों उठा रहे हैं क्योंकि उन पर तो कोई आरोप भी नहीं है. लेकिन ओम ने कहा कि वो उनके खिलाफ नहीं हैं. जब जस्टिस खेहर के लिए भी पत्र भेजा गया था तो उन्होंने इसका विरोध किया था. इस दौरान ओम की बात पर CJI खेहर ने कहा कि आप कोर्ट की दुरुपयोग कर रहे हैं और ये अच्छी बात नहीं है. हम आपको इसके लिए सजा दे सकते हैं.
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वहीं जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि 25 साल मेहनत के बाद कोई सुप्रीम कोर्ट पहुंचता है और जीवन में इतने बलिदान करता है. आप इस तरह किसी पर कैसे आरोप लगा सकते हैं ?