अंगड़िया व्यापारियों से रंगदारी के मामले में एलटी मार्ग थाने में दर्ज अपराध में निलंबित डीसीपी सौरभ त्रिपाठी को अंतरिम जमानत मिल गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए 9 नवंबर को जांच अधिकारियों के सामने पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया है. अग्रिम जमानत अर्जी पर अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी.
मामला दर्ज होने के बाद से डीसीपी सौरभ त्रिपाठी लापता थे. तकरीबन 9 महीने बाद उन्हें अंतरिम राहत मिली है. इस बीच उन्हें निलंबित किया जा चुका है. सौरभ त्रिपाठी के वकील विनोद चाटे ने अदालत को भरोसा दिलाया कि उनका मुवक्किल जांच में सहयोग करेगा. जिसके बाद अगली सुनवाई यानी कि 15 नवंबर 2022 तक अदालत ने सौरभ त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
मुंबई पुलिस ने आंगड़िया कारोबारियों (Angadia extortion case) से वसूली मामले में चार्जशीट दायर की थी. मुंबई क्राइम ब्रांच की मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) ने इस मामले में तकरीबन 1100 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट में क़रीब 70 लोगों के बयान दर्ज हैं. जिनमें कुछ आंगड़िया कारोबारी और पुलिसकर्मी के बयान भी हैं. IPS सौरभ त्रिपाठी पर आंगड़िया कारोबारियों से हफ्ता मांगने का आरोप है. वसूली के इस मामले में मुंबई क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने अभी तक कई लोगों को गिरफ़्तार किया है.
क्या है पूरा मामला
IPS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी पर आरोप है कि ज़ोन-2 के DCP रहते हुए उन्होंने वसूली की थी. उस दौरान उन्होंने आंगड़िया व्यापारियों से 10 लाख रुपये हर महीने हफ्ता के रूप में मांगे थे. वसूली से तंग आकर आंगड़िया व्यापारियों ने पुलिस में इसकी शिकायत की थी. दर्ज की गई शिकायत में कहा गया था कि, आरोपी अधिकारी ने दिसंबर में कई मौकों पर आयकर विभाग को उनकी नकदी की आवाजाही और कारोबारी गतिविधियों के बारे में सूचना देने की धमकी देकर उनसे कथित तौर पर धन की वसूली की थी. शिकायत के बाद मार्च महीने में महाराष्ट्र सरकार ने आरोपी पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सौरभ त्रिपाठी को निलंबित कर दिया था.
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