बिहार में कैबिनेट विस्तार में राजद कोटे से बने मंत्रियों और जातिगत समीकरण को लेकर बीजेपी नेता सुशील मोदी द्वारा उठाए गए सवालों पर जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार किया है. बीजेपी नेता ने फेसबुक पर लिखा था कि मंत्रिमंडल पूरी तरह असंतुलित है. इसमें एम-वाइ समुदाय के 13 मंत्री ( 33 पर्सेंट) हैं, जबकि कानू, तेली, कायस्थ, कलवार, कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज से एक भी मंत्री नहीं बनाया गया है. साथ ही उन्होंने लिखा कि महागठबंधन-2 में राजपूत और मैथिल ब्राह्मण मंत्रियों संख्या कम कर दी गयी. शेष जातियों को केवल प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व दिया गया. कोइरी समाज के केवल दो मंत्री बनाये गए हैं.
पलटवार करते हुए जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने तीन सवाल पूछे हैं.
- भारत सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में कितने वाइस चांसलर और प्रोफेसर अतिपिछड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक समाज से हैं?
- भारत सरकार द्वारा की गई कोलेटरल बहाली में कितने अधिकारी अतिपिछड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यक समाज से हैं ?
- हो सके तो आज यह भी बता ही डालिए कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में कितने जज किस-किस वर्ग के हैं?
बिहार में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट का विस्तार किया. कुल 31 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. दोपहर बाद विभागों का बंटवारा हुआ. सीएम नीतीश कुमार के पास पांच विभाग हैं जिनमें गृह, सामान्य प्रशासन , मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन प्रमुख हैं. इसके अलावे वो विभाग भी सीएम के पास होंगे जिनका अभी बंटवारा नहीं हुआ है. राज्य के सभी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की जिम्मेदारी सीएम नीतीश कुमार पर होगी.
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