सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईडी और एसबीआई को कहा कि आप "हर जमानत मामले में यही कहते हैं कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं." न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने सिसोदिया की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) एवं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनीं.
सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण एवं कार्यान्वयन में अनियमितताओं में कथित संलिप्तता को लेकर सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था. ईडी ने उन्हें नौ मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने जमानत का अनुरोध करते हुए तर्क दिया है कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर अपनी सुनवाई पूरी कर ली है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बातें सुन ली हैं. अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि सीबीआई और ईडी मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत दी जाएगी कि नहीं. (इनपुट भाषा से भी)
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