सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है, जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर नाराजगी भी जताई है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि ये तुच्छ याचिका है. ऐसे केस दाखिल करने पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिका दाखिल कर आप सिर्फ सरकारी खजाने को ही नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं बल्कि अदालत में किसी दूसरे का समय भी ले रहे हैं. इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली.
दरअसल, एनजीओ लोक प्रहरी द्वारा दाखिल याचिका में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी सहित संवैधानिक पद पर बैठे तमाम नेता जो संविधान के द्वारा लिए गए शपथ का दुरुपयोग करते हैं या अपनी निजी फायदे के लिए दुरुपयोग करते हैं, उनको उनके पद से हटाने की मांग की गई थी.
कोविड के दौरान मंदिरों को खोलने के बयान को आधार बनाकर याचिका में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और किसान आंदोलन के दौरान दिए गए अजय मिश्रा टेनी के बयान को आधार बनाकर कार्रवाई की मांग की गई थी.
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