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This Article is From Jul 11, 2018

सुप्रीम कोर्ट ने केन्‍द्र सरकार को लगाई फटकार, कहा- ताजमहल को संरक्षण दो या बंद करो या ध्वस्त कर दो

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफ़िल टॉवर को देखने 80 मिलियन लोग आते है, जबकि ताजमहल के लिए मिलियन. आप लोग ताजमहल को लेकर गंभीर नहीं है और न ही आपको इसकी परवाह है.

सुप्रीम कोर्ट ने केन्‍द्र सरकार को लगाई फटकार, कहा- ताजमहल को संरक्षण दो या बंद करो या ध्वस्त कर दो
फाइल फोटो
नई दिल्ली: ताजमहल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा, ताज को सरंक्षण दो या बंद कर दो या ध्वस्त कर दो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफ़िल टॉवर को देखने 80 मिलियन लोग आते है, जबकि ताजमहल के लिए मिलियन. आप लोग ताजमहल को लेकर गंभीर नहीं है और न ही आपको इसकी परवाह है. हमारा ताज ज्यादा खूबसूरत है और आप टूरिस्ट को लेकर गंभीर नहीं है. ये देश का नुकसान है, ताजमहल को लेकर घोर उदासीनता है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ध्‍यान रखा जाता तो हमारी विदेशी मुद्रा की दिक्कत दूर हो जाती. सुप्रीम कोर्ट ने फिर सवाल उठाया कि टीटीजेड (ताज ट्रैपेज़ियम जोन) एरिया में उद्योग लगाने के लिए लोग आवेदन कर रहे है और उनके आवेदन पर विचार हो रहा है. ये आदेशों का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा पीएचडी चेंबर्स को कहा है कि जो इंड्रस्‍टी चल रही है उसको क्यों ना आप खुद बंद करें. तब टीटीजेड की तरफ से कहा गया कि वो अब टीटीजेड में कोई नई फैक्ट्री खोलने आई इजाजत नहीं देंगे.

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि टीटीजेड ने कुछ नई फैक्ट्रियों के आवेदन पर विचार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने टीटीजेड के चेयरमैन को नॉटिस जारी किया. टीटीजेड के प्रमुख को सुप्रीम कोर्ट में तलब किया. वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि MOEF ने एक कमिटी का गठन किया है, जो ये देखेगी प्रदूषण को देखेगी कि ताजमहल कितना और किन वजहों से प्रदूषित हुआ है. केंद्र सरकार ने ये भी कहा कि ताजमहल के आस पास के इलाकों का भी मुआयना करेगी प्रदूषण को लेकर. कमेटी की रिपोर्ट 4 महीने के भीतर आ जाएगी इसके बाद ये तय किया जाएगा कि क्या किसी विदेशी एक्सपर्ट को कमिटी में शामिल करने की जरूरत है या नहीं.

9 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ASI को  फटकार लगाई थी. ताजमहल के रंग बदलने को लेकर ASI ने काई और गंदी जुराबों को जिम्मेदार ठहराया था।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1996 में पहली बार ताजमहल को लेकर आदेश जारी किया लेकिन 22 साल बाद भी कुछ नहीं हुआ. ASI के ये कहने कि ताजमहल को काई और कीड़े -मकोड़े (इंसेक्ट) से हो रहा है नुकसान, पर सुप्रीम कोर्ट नाराज हुआ.  ASI ने कहा कि ताजमहल पर काई उड़कर जमा हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने ASI को फटकार लगते हुए पूछा कि ताजमहल को काई व कीड़ा-मकोड़े (इंसेक्ट) कैसे नुकसान पहुंचा सकते है. कोर्ट ने कहा कि ASI समझना नहीं चाहता कि ताजमहल में समस्या है? कोर्ट ने कहा कि क्या काई के पास पंख होते है जो उड़कर ताज़महल पर जा कर बैठ जाती है. कोर्ट ने ASI को कहा कि इसका मतलब है कि उनके पास पंख है जिससे वो उड़ कर चले जाते है. अगर ASI का यही स्टैंड है कोर्ट में तो केंद्र सरकार को ताजमहल के रखरखाव के लिए किसी दूसरे विकल्प का तलाश करना होगा. ASI ने कहा कि लोग जो जुराब पहनकर आते हैं वो भी कई बार गंदी होती हैं कि फर्श खराब होते हैं. ASG तुषार ने कहा कि विदेशों में कई जगहों पर डिस्पाजेबल जुराबें दी जाती हैं. 

याचिकाकर्ता एमसी मेहता ने कहा कि यमुना में पानी गंदा है. पहले मछलियां होती थी जो काई को खाती थीं. सरकार बैराज बना रही हैं जिसके कारण यमुना में पानी कम है केंद्र सरकार को चार हफ्ते में जवाब देने को कहा गया कि केंद्र यमुना पर कितने बैराज बना रही है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार को जुलाई में ताजमहल को सदियों तक सुरक्षित रखने के विजन डॉक्यूमनेट देना है.
 

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