
- केंद्र ने ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की
- सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी
- अधिनियम, 2025 भारत में ऑनलाइन गेमिंग के लिए लाइसेंसिंग और विनियमन का कानूनी ढांचा प्रदान करता है
संसद द्वारा पारित ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम को चुनौती देने के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कानून के खिलाफ तीन हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की गई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र ने की जल्द सुनवाई की मांग की है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार है. इस मामले पर CJI बी आर गवई ने कहा कि अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे.
याचिकाओं को ट्रांसफर करने की याचिका दायर
ऐसे समय में जब ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा विचार किया जा रहा है, केंद्र ने याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर की है, ताकि समानांतर कार्यवाही में परस्पर विरोधी आदेश पारित न हों. ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 का संवर्धन और विनियमन भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है, जो भारत में ऑनलाइन गेमिंग के लाइसेंस, वर्गीकरण और विनियमन के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करता है.
ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप में शिखर धवन से पूछताछ
(ईडी) ने भारत के पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन को आज एक कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए समन किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ‘वन एक्स बेट' नामक एक अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़ी इस जां के तहत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करेगी. ऐसा माना जा रहा है कि 39 वर्षीय पूर्व भारतीय क्रिकेटर कुछ विज्ञापनों के ज़रिए इस ऐप से जुड़े हैं। ईडी पूछताछ के दौरान इस ऐप से उनके संबंधों को समझना चाहता है.
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