कोयला घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी (ED) से पूछा है कि वह टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी से दिल्ली की बजाय कोलकाता में पूछताछ क्यों नहीं कर सकता. कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि वो ये आदेश जारी करेगा कि कोलकाता में ED अधिकारियों को सुरक्षा दी जाए और पूछताछ में कोई बाधा ना आए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल बनर्जी एक गवाह है संभावित आरोपी नहीं . सुप्रीम कोर्ट अगले मंगलवार को सुनवाई करेगा. कोलकाता में पूछताछ करने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने संदेह जताया है. ED की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि कोलकाता में CBI अधिकारियों के घेराव के पहले के उदाहरण हैं. बनर्जी एक प्रभावशाली राजनेता हैं. अदालत ने कहा कि वह कोलकाता पुलिस को सभी सहायता प्रदान करने का आदेश दे सकती है और पश्चिम बंगाल राज्य को जवाबदेह ठहराएगी .
कोर्ट ने यह भी कहा कि ED नहीं कह रहा है कि क्या उन्हें एक आरोपी के रूप में समन जारी किया गया है. ASG ने कहा कि वह इस पहलू पर स्पष्टीकरण देंगे . तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा ने प्रवर्तन निदेशालय (ED ) द्वारा दिल्ली में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए जारी समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पश्चिम बंगाल में एक कथित कोयला घोटाले से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच में उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग की गई है . अभिषेक बनर्जी ने याचिका को खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है . 1
11 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने के एक आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई है . सुनील फर्नांडीस के माध्यम से दायर अपनी याचिका में, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और उनकी पत्नी ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश इस तथ्य पर ध्यान देने में विफल रहा कि वह एक महत्वपूर्ण विपक्षी नेता हैं. केंद्र में सत्ता में राजनीतिक दल को व्यापक रूप से रौंदा गया, जिससे केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके याचिकाकर्ता को "लक्षित" और "ठीक" करने का उचित कारण दिया गया.
इससे पहले बनर्जी ने 10 सितंबर, 2021 को ED द्वारा जारी समन को इस आधार पर चुनौती दी कि उन्हें और उनकी पत्नी को नई दिल्ली में नहीं बल्कि उनके गृहनगर या कोलकाता में पेश होना चाहिए . बनर्जी ने अपनी याचिका में कहा कि कानून के एक सवाल पर विचार किया जाना चाहिए कि क्या ED गवाहों/आरोपियों के मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए अपनी पसंद के किसी भी स्थान पर किसी भी व्यक्ति को तलब करने के लिए "अखिल भारतीय अधिकार क्षेत्र" मान सकता है.
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