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This Article is From May 17, 2022

सपा नेता आजम खान की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता मामले के जांच अधिकारी को धमकाया भी गया था. जब आजम खान का बयान दर्ज किया जा रहा था तब भी जांच अधिकारी को धमकाया गया था.

सपा नेता आजम खान की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
आजम खान की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
नई दिल्ली:

सपा नेता आजम खान (Azam Khan) की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ये फैसला करेगा कि आजम खान को जमानत दी जाए या नहीं . यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता मामले के जांच अधिकारी को धमकाया भी गया था. जब खान का बयान दर्ज किया जा रहा था तब भी जांच अधिकारी को धमकाया गया था. आजम खान भी कानून में मौजूद उपाय के तहत उपयुक्त कोर्ट में FIR को रद्द करने की मांग करें. अर्णब मामले का हवाला देते हुए कहा गया कि उस मामले में एक तरह के केस थे, लेकिन आजम पर अलग-अलग मामलों में FIR दर्ज है. वहीं आजम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पिछले दो सालों से तो आजम जेल में ही बंद हैं तो धमकाने की बात कहां आती है?

पिछली सुनवाई में अदालत ने हैरानी जताई थी कि जब सब केसों में जमानत हो गई तो आजम के खिलाफ नया केस कैसे दर्ज हुआ. क्या ये मात्र संयोग है या कुछ और. यूपी सरकार इस पर जवाब दाखिल करे. अदालत ने सपा नेता आजम खान की जमानत पर फैसला ना आने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आजम खान 87 में से 86 मामलों में जमानत पा चुके हैं. 137 दिन बीत गए एक मामले में फैसला नहीं हुआ. ये न्याय का मखौल उड़ाना है. अगर हाईकोर्ट फैसला नहीं करता तो हम दखल देंगे. जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने सुनवाई की.

यूपी सरकार की ओर से अदालत को बताया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में  शाम 6.30 बजे तक सुनवाई हुई है. हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है इसलिए अदालत को फिलहाल सुनवाई नहीं करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट सपा के पूर्व मंत्री आजम खान की अंतरिम जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. इससे पहले कोर्ट आजम की जमानत पर को सुनवाई करने पर  सहमत हुआ था. आजम की ओर से कपिल सिब्बल ने याचिका मेंशन की थी.

सिब्बल ने कहा कि अदालत ने जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित करने के बाद अरसे से फैसला लंबित रखा हुआ है. अगर वो फैसला दे दे तो सुप्रीम कोर्ट क्या सुनवाई करेगा. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर समुचित आदेश दे. कपिल सिब्बल ने कहा कि आजम खान जेल में हैं, जबकि हाई कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर फैसला 4 दिसंबर में ही सुरक्षित किया है, लेकिन अभी तक उनकी जमानत पर अदालत ने फैसला सुनाया नहीं है.

उत्तर प्रदेश में 2017 से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद आजम खान पर शिकंजा कसा गया था. 2019 में रामपुर से लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद उनके खिलाफ 87 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद फरवरी 2020 में  सीतापुर जेल भेजा गया. लम्बी कानूनी लड़ाई से आजम खान को 86  मामलों में तो जमानत मिल गई, लेकिन शत्रु संपत्ति से जुड़े एक मामले में कोर्ट का फैसला आना बाकी रह गया. बीते वर्ष चार दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख  लिया था. इसके चार महीने बीत जाने पर आजम खान ने अंतरिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. आजम ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक बदले के कारण यूपी सरकार जानबूझकर देरी करा रही है.

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