महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में OBC आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई है. 365 जगहों पर चुनाव की तारीख बदलने पर नाराज सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि जिन 365 जगहों पर चुनाव की अधिसूचना पहले जारी हो चुकी थी, वहां बिना आरक्षण चुनाव होंगे. उन सीटों के लिए नए सिरे से अधिसूचना नहीं जारी हो सकती. अदालत ने चेतावनी दी कि राज्य चुनाव आयोग ने ऐसा किया तो यह अदालत की अवमानना मानी जाएगी.
अदालत ने कहा कि मतदान कार्यक्रम पहले ही अधिसूचित किया गया था, जब कोर्ट ने OBC आरक्षण की अनुमति दी थी. उन निकायों के लिए चुनाव OBC आरक्षण के बिना होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को स्पष्ट किया कि संबंधित अधिकारी उसके आदेश का उल्लंघन करने के लिए अवमानना के लिए उत्तरदायी होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव कराने के संबंध में याचिका पर सुनवाई की. दरअसल, वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राज्य चुनाव आयोग ने कार्यक्रम की तारीखों में बदलाव किया है.
जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि हम बहुत स्पष्ट थे कि चुनाव प्रक्रिया की तारीखों पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी. राज्य के वकील ने तारीख बदलने के लिए मॉनसून आदि का हवाला दिया. जस्टिस खानविलकर ने कहा कि हमने बार-बार उसके बारे में बात की थी. आपको उस मामले में अर्जी दाखिल करनी चाहिए थी. यह कैसा मामला है? राज्य चुनाव ने वकील बदल दिया है और रुख बदल दिया है, जो सुनवाई के बीच में स्वीकार्य नहीं है.आप चाहते हैं कि हम अवमानना करें?
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