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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर ठोका 5 लाख का जुर्माना, चेतावनी दी- अगर फिर हुआ तो FIR होगी, जानें पूरा मामला

दिल्ली सरकार के PWD विभाग पर जुर्माना लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर ये उल्लंघन दोहराया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर ठोका 5 लाख का जुर्माना, चेतावनी दी- अगर फिर हुआ तो FIR होगी, जानें पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है. जानें पूरा मामला.
  • सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के PWD विभाग पर मैनुअल सीवर सफाई के मामले में 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
  • अदालत ने चेतावनी दी है कि नियमों का पुनः उल्लंघन होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी.
  • मैनुअल सफाई में सुरक्षा गियर के बिना मजदूरों को लगाया जाना और नाबालिग का काम करना कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.
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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PDW) पर यह जुर्माना लगाते हुए चेतावनी भी दी कि अगर ऐसा फिर हुआ तो संबंधित अधिकारियों पर FIR दर्ज की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि यह जुर्माना 4 हफ्तों के भीतर राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग में जमा कराना होगा. सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला सीवर की मैनुअल सफाई से जुड़े मामले में दी है. दरअसल कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट गेट के ठीक बाहर नाले की मैनुअल सफाई हो रही थी. अगस्त में इस मामले में एमिक्स क्यूरी के वरिष्ठ वकील के. परमेश्वर ने न्यायालय को सूचित किया था कि कुछ दायित्व निर्धारित किए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने इसे अदालत द्वारा 2023 में पारित निर्देशों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन बताया था.

वकील ने एक वीडियो भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के बाहर ही मैनुअल सीवर सफाई हो रही थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही परिसर के गेट-F पर मैनुअल सीवर सफाई होने को गंभीरता से लिया था.

मैनुअल सीवर सफाई पर रोक लगाने वाले आदेश का उल्लंघन

अदालत ने कहा मैनुअल सीवर सफाई पर रोक लगाने वाले कोर्ट के फैसले का उल्लंघन हो रहा था. कोर्ट ने कहा कि PWD ने न केवल बिना सुरक्षा गियर के मजदूरों को लगाया था, बल्कि इस काम के लिए एक नाबालिग को भी लगाया था. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर ये उल्लंघन दोहराया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी.

कोर्ट ने PWD के अधिकारी से मांगा था जवाब

कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए लोक निर्माण विभाग ( PWD ) के संबंधित अधिकारी से इस अवैध और खतरनाक प्रथा को जारी रखने के संबंध में जवाब मांगा था. मालूम हो कि 2023 में डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मैनुअल स्कैवेंजिंग और मैनुअल सीवर सफाई को रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए थे.

जनवरी 2025 में अदालत ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख महानगरों में इस प्रथा को बंद करने का स्पष्ट आदेश दिया था और बार-बार कहा था कि संबंधित अधिकारी इस मुद्दे को लापरवाही से देख रहे हैं.

जरूरी सुरक्षा उपकरणों के बिना क्यों कराई सफाई?

6 अगस्त को अदालत ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम ( EDMC ) को कार्यवाही में पक्षकार बनाया और नोटिस जारी किया. EDMC के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देश दिया गया कि वह हलफनामा दाखिल कर यह बताएं कि मैनुअल स्कैवेंजिंग और खतरनाक सफाई का काम अब भी मजदूरों से क्यों कराया जा रहा है? यह भी बिना उचित सुरक्षा उपकरण के जैसा कि वरिष्ठ अधिवक्ता और एमिकस क्यूरी के. परमेश्वर द्वारा दाखिल आवेदनों में संलग्न तस्वीरों में दिखाया गया है.

कोर्ट के गेट पर ही नियमों का पालन नहीं हो रहा

अदालत ने वीडियो से यह भी पाया कि यह काम सुप्रीम कोर्ट के गेट-एफ के बाहर हो रहा है. अदालत ने कहा कि हमें यह कहने के लिए विवश होना पड़ रहा है कि हमें जो तस्वीरें दिखाई गई हैं, उनमें मैनुअल स्कैवेंजिंग और खतरनाक सफाई का कार्य इस कोर्ट के गेट-एफ पर भी किया जा रहा है. लोक निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारी इन आवेदनों पर जवाब दाखिल करें. अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश देना पड़ेगा.

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