
Shisham ke patte kitne din khana chahiye: आयुर्वेद में शीशम के पेड़ को सेहत का खजाना माना गया है. ये सिर्फ एक आम पेड़ नहीं बल्कि ऐसा प्राकृतिक उपहार है, जिसमें अनगिनत औषधीय गुण छिपे हैं. शीशम के पत्ते, छाल और बीज सेहत को बेहतर बनाने के लिए सदियों से इस्तेमाल किए जाते हैं. चाहे बात हो पेट की गड़बड़ी (Digestion Problems), शरीर में खून की कमी की (Anemia Treatment) या फिर चेहरे और स्किन से जुड़ी परेशानी (Skin Care), शीशम हर जगह कारगर माना गया है. खास बात यह है कि ये फायदे आपको घर बैठे, बिल्कुल प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से मिल सकते हैं. यही वजह है कि शीशम को आयुर्वेद में संजीवनी बूटी की तरह खास जगह दी गई है. आइए जानते हैं रोज सुबह खाली पेट शीशम के पत्ते खाने से शरीर पर कैसा असर होता है (Shisham Benefits Empty Stomach).
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शीशम के पत्ते से कौन सी बीमारी ठीक होती है?
शीशम के पत्ते एनीमिया, पेट की जलन, त्वचा रोग जैसे फोड़े-फुंसी और खुजली, पेशाब संबंधी समस्याएं (जैसे जलन या रुक-रुक कर आना) और मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं में बेहद फायदेमंद हैं. यह घाव भरने, बालों को मजबूत बनाता है और सुजाक (गोनोरिया) का उपचार करने में भी इस्तेमाल किया जाता है.
सुबह खाली पेट शीशम की पत्ती खाने से क्या होता है?अगर आप सुबह खाली पेट शीशम के पत्तों का सेवन पाचन में सुधार करता है. यह पेट की जलन और अपच को भी काफी हद तक कम करता है. वहीं दस्त से राहत भी काफी हद तक दिलाता है. इसके अलावा ये स्किन संबंधी समस्याओं को दूर करने और एनीमिया (खून की कमी) में भी फायदेमंद माना गया है.

रोजाना शीशम की पत्तियों को चबाकर खाने से सेहत को कई गुणकारी फायदे मिलते हैं. इसके अलावा गर्मियों के मौसम में पुदीने के पत्ते को पानी में डालकर रख दें और फिर इस पानी को पीएं। इससे शरीर तरोताजा और हाइड्रेटेड रहता है.
मासिक धर्म में शीशम के पत्तों के क्या फायदे हैं?मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं जैसे कि अत्यधिक प्रवाह, दर्द, ऐंठन और अनियमितता में शीशम के पत्ते फायदेमंद होते हैं. शीशम के पत्ते हार्मोनल संतुलन बनाने, मूड स्विंग को कम करने और माहवारी के दौरान होने वाली थकान और अन्य मानसिक संतुलन को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं. शीशम के पत्तों का रस या काढ़ा, मिश्री के साथ मिलाकर सेवन करने से इन समस्याओं में आराम मिल सकता है.

शीशम के पत्तों का रस या काढ़ा पीने से गैस, जलन और अपच जैसी परेशानी कम होती है. इसे लेने से खाना अच्छे से पचता है और पेट हल्का लगता है. शीशम के पत्ते का काढ़ा अगर आपको कड़वा लगता है तो आप उसे लेने के बाद कुछ मीठा ले लें, पर तुरंत लेने से बचें. इससे आपको तुरंत कड़वापन महसूस नहीं होगा.
मुंह की गंदगी और बदबू दूर (Shisham For Oral Health)शीशम के पत्तों में ऐसे गुण होते हैं जो बैक्टीरिया और सूजन से लड़ते हैं. इसका इस्तेमाल करने से मसूड़ों की सूजन, छाले और सांसों की बदबू में राहत मिलती है.

शीशम के पत्तों का रस आयरन से भरपूर होता है. इसे पीने से खून की कमी दूर हो सकती है और शरीर में थकान या कमजोरी कम महसूस होती है.
खून साफ और ताकतवर बनाए (Shisham For Blood Flow)अगर शरीर में खून सही तरीके से नहीं दौड़ रहा हो तो शीशम फायदेमंद हो सकता है. इसके पत्तों का रस दही और चीनी के साथ पीने से खून साफ रहता है और शरीर में ताकत भी बढ़ती है.
स्किन प्रॉब्लम्स में मददगार (Shisham For Skin Problems)शीशम के पत्तों का लेप चेहरे या शरीर पर लगाने से मुंहासे, फोड़े-फुंसी और खुजली जैसी दिक्कतें कम हो जाती हैं. ये घाव भरने में भी मदद करता है और जलन को शांत करता है. जब शीशम के पत्ते लगाएं तो उन्हें अच्छी तरह पीस लें और जहां पर मुहांसे हैं वहा पर कुछ देर लगाकर छोड़ दें. आपको तुरंत असर दिखने लगेगा.

शीशम में मौजूद गुण शरीर की ताकत बढ़ाते हैं और बीमारियों से लड़ने की क्षमता मजबूत करते हैं. इसे लेने से सर्दी-जुकाम जैसी आम परेशानियों से बचाव हो सकता है.
क्यों है शीशम खास (Why Shisham Is Special)शीशम का पेड़ सिर्फ लकड़ी के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है. चाहे पेट की दिक्कत हो, खून की कमी, स्किन प्रॉब्लम्स या कमजोरी- शीशम के पत्तों और उसके नुस्खों का इस्तेमाल करने से आराम मिल सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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