दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की बेटी की अग्रिम जमानत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने प्रेमोदय खाखा की बेटी को बड़ी राहत दे दी. कोर्ट ने खाखा की बेटी के खिलाफ दिल्ली पुलिस के किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा की बेटी की 24 नवंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. खाखा के बेटे के मामले में सुनवाई तीन नवंबर को होगी.
हालांकि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रेमोदय खाखा की बेटी और बेटे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. इसके बाद खाखा की बेटी और बेटे ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
प्रेमोदय खाखा पर नाबालिग से बलात्कार का आरोप
दरअसल अभियोजन पक्ष के अनुसार, खाखा की बेटी पर अपराध के लिए उकसाने का आरोप है. निलंबित अधिकारी खाखा को पुलिस ने 21 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था. वे न्यायिक हिरासत में हैं. उस पर आरोप है कि उसने लड़की के साथ कथित तौर पर कई बार रेप किया और उसे गर्भवती किया. खाखा की पत्नी सीमा रानी भी न्यायिक हिरासत में है. उस पर लड़की का गर्भपात कराने के लिए उसे दवा देने का आरोप है.
पुलिस ने कहा था कि खाखा ने नाबालिग लड़की के साथ नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कथित तौर पर कई बार बलात्कार किया था. पुलिस ने कहा था कि नाबालिग आरोपी के परिचित व्यक्ति की बेटी है.
पुलिस के मुताबिक POCSO अधिनियम और आईपीसी की धारा 376 (2) (एफ) और 509 के प्रावधानों के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा है कि मामले में आईपीसी की धारा 506, 323, 313 और 120बी भी लगाई गई है.
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