सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया की मीडिया में नेताओं की बयानबाजी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सब मीडिया में ऐसी खबरें देखकर परेशान हैं और ये दुर्भाग्यपूर्ण है. ये चिंता की बात है कि राजनेता किस तरह न्यायपालिका के खिलाफ मीडिया में बयानबाजी कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में AG के के वेणुगोपाल का सहयोग मांगा है. सात मई को सुनवाई होगी. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन लगाने से इंकार किया.
कोर्ट ने कहा कि पहले पक्षकारों की बात सुनना जरूरी है. एक गैर सरकारी संगठन की ओर से कहा गया कि इस संबंध में लॉ कमिशन की रिपोर्ट भी है और संविधान में भी प्रावधान है कि मीडिया महाभियोग की प्रक्रिया की रिपोर्टिंग ना करे. क्योंकि इससे सीधे सीधे जज के न्यायिक कामकाज पर प्रभाव पड़ता है. जजों को भयमुक्त माहौल में काम करना चाहिए.
जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि फिलहाल वो पक्षकारों की बात सुने बिना वो इस तरह गैग आदेश जारी नहीं कर सकते. लेकिन जिस तरह मीडिया में खबरें आ रही हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण है.
कोर्ट ने कहा कि पहले पक्षकारों की बात सुनना जरूरी है. एक गैर सरकारी संगठन की ओर से कहा गया कि इस संबंध में लॉ कमिशन की रिपोर्ट भी है और संविधान में भी प्रावधान है कि मीडिया महाभियोग की प्रक्रिया की रिपोर्टिंग ना करे. क्योंकि इससे सीधे सीधे जज के न्यायिक कामकाज पर प्रभाव पड़ता है. जजों को भयमुक्त माहौल में काम करना चाहिए.
जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि फिलहाल वो पक्षकारों की बात सुने बिना वो इस तरह गैग आदेश जारी नहीं कर सकते. लेकिन जिस तरह मीडिया में खबरें आ रही हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण है.
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