विज्ञापन
This Article is From Jan 02, 2024

"यात्रियों की सुरक्षा के लिए कवच सिस्टम समेत क्या सुरक्षा उपाय किए?": रेलवे से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

Odisha Train Accident: याचिका में कहा गया है कि हर दिन हजारों और लाखों यात्री ट्रेनों में यात्रा (Supreme Court On Balasore Train Accident) करते हैं, इसीलिए अधिकारियों के लिए कवच प्रणाली जैसे सुरक्षा और निवारण तंत्र के बुनियादी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना बहुत जरूरी हो जाता है, जो लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.

"यात्रियों की सुरक्षा के लिए कवच सिस्टम समेत क्या सुरक्षा उपाय किए?":  रेलवे से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
Supreme Court on Balasore Train Accident: रेलवे कवच सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट. (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में पिछले साल हुए रेल हादसा मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने बड़ा कदम उठाया है. अब अदालत रेलवे में कवच सिस्टम समेत सभी सुरक्षा उपायों का परीक्षण करेगी. वहीं अदालत ने रेलवे से पूछा है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए कवच सिस्टम समेत क्या सुरक्षा उपाय हैं या भविष्य में क्या उपाय प्रस्तावित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दो दिन के भीतर याचिका की कॉपी AG को सौंपने के लिए कहा है. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख पर AG सुप्रीम कोर्ट को रेलवे में कवच सिस्टम समेत मौजूदा सुरक्षा उपायों और प्रस्तावित उपायों की जानकारी दें. 

ये भी पढ़ें-जापान में भूकंप के दौरान मेट्रो स्टेशन का दिल दहला देने वाला मंजर कैमरे में हुआ कैद

 ATP सिस्टम के लिए दिशा-निर्देशों की मांग

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि क्या कवच प्रणाली को लागू करने के वित्तीय निहितार्थ के संबंध में कोई अध्ययन किया गया है. जस्टिस ने कहा कि हर कदम का वित्त से सह-संबंध होता है, क्योंकि वित्तीय बोझ अंततः यात्रियों पर डाला जाएगा.

वहीं वकील विशाल तिवारी की ओर से दाखिल  याचिका में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से भारतीय रेलवे में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली (जिसे कवच सुरक्षा प्रणाली कहा जाता है) के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ पैनल बनाया जाए, जो बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच करे.

कुछ दशकों में ट्रेन हादसे बढ़े हैं-जनहित याचिका

वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर जनहित याचिका में शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ आयोग का तुरंत गठन करने और रेलवे प्रणाली में मौजूदा जोखिम और सुरक्षा मापदंडों का विश्लेषण और समीक्षा करने के लिए तकनीकी सदस्यों को शामिल करने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया कि यह अधिक चिंता और जोर के साथ उल्लेख करने की जरूरत है कि पिछले कुछ दशकों से भारत ने ट्रेन की टक्कर और पटरी से उतरने की एक श्रृंखला देखी है, इससे हमारे देश के लोगों को मौतों के रूप में गंभीर पीड़ा हुई है. 

बालासोर हादसे में हुई थी 300 लोगों की मौत

याचिका में कहा गया है कि अधिकारी इस तरह की टक्करों और दुर्घटनाओं के खिलाफ सुरक्षा तंत्र विकसित करने में धीमी गति से काम कर रहे हैं. ऐसी ट्रेन सुरक्षा प्रणाली के सुरक्षा तंत्र का प्रवर्तन अभी भी पूरे देश में व्यावहारिक आधार पर लागू नहीं हुआ है, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से सिद्ध हो चुका है कि कवच, जो एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है, अभी भी इन मार्गों पर लागू नहीं किया गया है. यह अभी भी पूरे नेटवर्क में स्थापित करने की प्रक्रिया में है. याचिका में कहा गया है कि हर दिन हजारों और लाखों यात्री ट्रेनों में यात्रा करते हैं, इसीलिए अधिकारियों के लिए कवच प्रणाली जैसे सुरक्षा और निवारण तंत्र के बुनियादी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना बहुत जरूरी हो जाता है, जो लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.बता दें कि पिछले साल जून में ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसा हुआ था. इस हादसे में 300 के करीब लोगों की मौत हो गई थी जबकि 1200 लोग जख्मी हो गए थे. 
ये भी पढ़ें-क्या हेमंत सोरेन की पत्नी संभालेंगी झारखंड के CM का पद? BJP सांसद का बड़ा दावा

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com