कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच उपजी ऑक्सीजन की समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तूतीकोरिन स्थित वेदांता के स्वामित्व वाले स्टरलाइट कॉपर प्लांट को चलाने की अनुमति दे दी है. उच्चतम न्यायलय ने कहा कि देश में मौजूदा ऑक्सीज़न के हालात को देखते हुए फैसला दिया जा रहा है, कोर्ट ने प्लांट के लिए तमिलनाडु सरकार को एक कमेटी बनाने के भी आदेश दिए हैं. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वेदांता को प्लांट में प्रवेश और संचालन की अनुमति नहीं होगी. राज्य सरकार द्वारा मनोनीत की जाने वाली समिति की भूमिका पर्यवेक्षण समिति के रूप में होनी चाहिए. बता दें कि वेदांता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि तूतीकोरिन प्लांट से 10 दिन के भीतर 200MT ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा.
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आदेश के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि समिति किसी भी समस्या पर स्थानीय समुदाय के सदस्यों के साथ परामर्श कर सकती है. यह आदेश 31 जुलाई, 2021 तक जारी रहेगा और फिर देखें कि COVID19 के संबंध में जमीनी स्थिति क्या है. इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये राष्ट्रीय संकट है. लोग मर रहे हैं. हम स्थानीय लोगों की चिंताओं के प्रति सजग हैं. हमें स्थानीय समुदाय को अपनी तरफ करना होगा. कितने लोग प्लांट में जाएंगे ये कमेटी तय करेगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तमिलनाडु सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की और राष्ट्रीय हित में संयंत्र को फिर से खोलने पर सहमति जताई है. उन्होंने कोर्ट को आश्वस्त किया केवल ऑक्सीजन प्लांट को ही शुरू किया जाएगा. किसी अन्य प्लांट को नहीं. दरअसल, इस प्लांट को पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन करने के आरोप में बंद कर दिया गया था. इस मामले में केंद्र सरकार ने वेदांता के अनुरोध का समर्थन किया है. भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को कहा कि देश को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है और जब पर्यावरण तथा मानव जीवन में से किसी एक को चुनना हो तो मानव जीवन को चुना जाना चाहिए.
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