नई दिल्ली:
दूरसंचार घोटाले में दोषी ठहराए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम आज दिल्ली की एक अदालत में हाजिर हुए, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। अदालत ने उन्हें इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई है। कल सुखराम के कोमा में चले जाने का दावा किया गया था। 86 साल के सुखराम आज एंबुलेंस से अदालत पहुंचे। इससे पहले अदालत ने आदेश दिया था कि अगर आज सुखराम हाजिर नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया जाएगा।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश संजीव जैन ने कहा कि सुखराम को एंबुलेंस में जेल पहुंचाया जाए और जेल के अधिकारी उन्हें जरूरत के मुताबिक चिकित्सा सहायता मुहैया कराएंगे। न्यायाधीश ने कहा, ‘दोषी (सुखराम) के वकील के आग्रह के मुताबिक जेल अधिकारियों को आदेश दिया जाता है कि वे सुखराम को नियमों के तहत जरूरी चिकित्सा सहायता मुहैया कराएं।’
सुखराम के वकील ने कल अदालत को बताया था कि उनके मुवक्किल कोमा में चले गए हैं, हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री को देख रहे चिकित्सकों का कहना है कि वह कोमा में नहीं हैं। एंबुलेंस में सुखराम के साथ आए एक चिकित्सक ने अदालत को बताया कि ‘मरीज’ अब भी अचेत है। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि चिकित्सक तिहाड़ तक एंबुलेंस में सुखराम के साथ जा सकता है।
अदालत ने सुखराम की इस याचिका को खारिज कर दिया कि उन्हें अस्पताल में रहते हुए ही न्यायिक हिरासत में लिया जा सकता है। न्यायाधीश ने अदालत के कर्मचारियों को आदेश दिया कि सुखराम को अदालत में पेश करने के लिए एंबुलेंस और अन्य सुविधाओं का प्रबंध किया जाए।
इससे पहले सुखराम के वकील अनिल नाग ने अदालत को बताया कि पूर्व मंत्री कोमा में हैं, लेकिन वह अदालत के समक्ष हाजिर होंगे। वकील ने यह भी कहा कि गैर जमानती वारंट से उच्चतम न्यायालय में लंबित उनके मामले पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। सुखराम 1993 के दूरंसचार घोटाले में दोषी करार दिए गए हैं। उस वक्त वह केंद्र में दूरसंचार मंत्री थे।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश संजीव जैन ने कहा कि सुखराम को एंबुलेंस में जेल पहुंचाया जाए और जेल के अधिकारी उन्हें जरूरत के मुताबिक चिकित्सा सहायता मुहैया कराएंगे। न्यायाधीश ने कहा, ‘दोषी (सुखराम) के वकील के आग्रह के मुताबिक जेल अधिकारियों को आदेश दिया जाता है कि वे सुखराम को नियमों के तहत जरूरी चिकित्सा सहायता मुहैया कराएं।’
सुखराम के वकील ने कल अदालत को बताया था कि उनके मुवक्किल कोमा में चले गए हैं, हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री को देख रहे चिकित्सकों का कहना है कि वह कोमा में नहीं हैं। एंबुलेंस में सुखराम के साथ आए एक चिकित्सक ने अदालत को बताया कि ‘मरीज’ अब भी अचेत है। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि चिकित्सक तिहाड़ तक एंबुलेंस में सुखराम के साथ जा सकता है।
अदालत ने सुखराम की इस याचिका को खारिज कर दिया कि उन्हें अस्पताल में रहते हुए ही न्यायिक हिरासत में लिया जा सकता है। न्यायाधीश ने अदालत के कर्मचारियों को आदेश दिया कि सुखराम को अदालत में पेश करने के लिए एंबुलेंस और अन्य सुविधाओं का प्रबंध किया जाए।
इससे पहले सुखराम के वकील अनिल नाग ने अदालत को बताया कि पूर्व मंत्री कोमा में हैं, लेकिन वह अदालत के समक्ष हाजिर होंगे। वकील ने यह भी कहा कि गैर जमानती वारंट से उच्चतम न्यायालय में लंबित उनके मामले पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। सुखराम 1993 के दूरंसचार घोटाले में दोषी करार दिए गए हैं। उस वक्त वह केंद्र में दूरसंचार मंत्री थे।