छत्तीसगढ़ में करीब 107 जवानों की हत्या में शामिल नक्सली सुक्रम उर्फ ओयामी चैतू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार नक्सली अप्रैल 2010 में चिंतागुफा थाने के ताड़मेटला में 76 सीआरपीएफ जवानों की हत्या के मामले में भी शामिल था। इस पर पुलिस ने आठ लाख रुपये का इनाम रखा है।
पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी तथा दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक कमल नारायण कश्यप के अनुसार, नक्सली सुखराम उर्फ ओयामी चैतू माओवादी दक्षिण रीजनल कमेटी में सक्रिय बटालियन की कम्पनी दो की प्लाटून क्रमांक तीन का सेक्शन कमांडर था।
ताड़मेटला में नक्सलियों द्वारा देश की सबसे बड़ी वारदात जिसमें 76 सीआरपीएफ के जवानों की नक्सलियों ने घेर कर हत्या की थी। उस मामले में भी सक्रिय रूप से शामिल था। इसके आलावा सितंबर 2009 में सिंगन मड़गू में छह कोबरा जवान, वर्ष 2006 में किरंदुल एनएमडीसी में सीआरपीएफ के आठ जवानों की हत्या तथा बारूद लूटने की घटना में शामिल था।
2010 में नकुलनार में कांग्रेसी नेता अवधेश गौतम के घर पर हमला और उनके रिश्तेदारों की हत्या, वर्ष 2006 में सलवा जुडूम का प्रतिरोध करते हुए गंगालूर राहत शिविर आठ ग्रामीणों की हत्या, वर्ष 2009 में तीन कोय कमांडो तथा 2007 में चीर एसपीओ की हत्या में भी सक्रिय भूमिका रही है। इस तरह 107 हत्याओं का आरोपी पुलिस के नक्सल विरोधी अभियान में पकड़ा गया है।
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